Delhi Riz Area: दिल्ली के रिज जंगलों में 1100 पेड़ो की कटाई से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब ये पेड़ गिराए जा रहे थे, तब दिल्ली सरकार क्या कर रही थी? साथ ही जब दिल्ली के वन विभाग को घटना की जानकारी हुई तो वे उन्होंने DDA के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?
अदालत के रोक लगाने पर भी DDA ने रिज में 1100 पेड़ो की कटाई की थी, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज है. घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए (Suo Motu Cognizances) अदालत ने DDA के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा के खिलाफ अदालत की अवमानना (Contempt Of Court) का मुकदमा चलाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका एवं उज्जल भुइयां की वेकेशन बेंच रिज एरिया में 'पेड़ों की कटाई' मामले को सुन रही है. पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने DDA को स्पष्ट बताने को कहा था कि उन्होंने किसके कहने पर पेड़ों की कटाई की थी. आज की सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उनकी लापरवाही के लिए फटकार लगाई. सरकार के मुख्य सचिव को घटना पर जवाब देने को भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"मुख्य सचिव एक हलफनामा दायर कर बताएंगे कि किस तरह सरकार ने दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत वृक्ष प्राधिकरण की शक्तियों का प्रयोग करके पेड़ों की कटाई की अनुमति दी है. उन्हें यह भी बताना होगा कि DDA के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि सरकार के वन विभाग को DDA द्वारा किए गए उल्लंघन से पूरी तरह वाकिफ थी."
अदालत के आदेशानुसार, मुख्य सचिव को हलफनामा 11 जुलाई से पहले लगानी है. साथ ही DDA के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ ट्री एक्ट, 1994 के तहत अपराधिक मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अदालत के फैसले के विरूद्ध जाकर पेड़ों की कटाई के मामले को स्वत: संज्ञान में लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिज जंगलों में 1100 पेड़ो की कटाई पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाने के आदेश दिए थे. मामले में डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा को मुख्य आरोपी बनाया गया है.