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'जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट क्यों नही गए?', दिल्ली HC ने केजरीवाल से पूछा, CBI को भी नोटिस जारी

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई मामले में केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

आज दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को अपना पक्ष रखने को लेकर नोटिस जारी किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी. 

Written by Satyam Kumar |Published : July 5, 2024 1:58 PM IST

Arvind kejriwal Bail Plea: आज दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका में केजरीवाल ने सीबीआई मुकदमें में जमानत की मांग की है. वहीं, आज की सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को अपना पक्ष रखने को लेकर नोटिस जारी किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.

जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए?:  दिल्ली HC

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने 'केजरीवाल की जमानत याचिका' को सुना. याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर उनके पक्ष को रखने को कहा.

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सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के वकील से पूछा कि वे जमानत की मांग पहले ट्रायल कोर्ट में क्यों नहीं की? खैर इस पर हम आगे चर्चा करेंगे. अभी सीबीआई को जवाब देने दें.

दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर जवाब देने के लिए सीबीआई को एक सप्ताह का समय दिया  है.

बुधवार को उनकी जमानत याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश  मनमोहन (Acting Chief Justice Manmohan) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया.  सीएम केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की जाए. इस पर एसीजे ने आश्वासन दिया कि सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर शुक्रवार 5 जुलाई को सुनवाई होगी.

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले (PMLA) में सीएम केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि निचली अदालत ने दस्तावेजों और दलीलों पर गौर नहीं किया है. अदालत ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने अपना विवेक नहीं लगाया है तथा सामग्री पर उचित रूप से विचार नहीं किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने मई में सीएम केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी. आम चुनावों के मद्देनजर शीर्ष अदालत ने उन्हें 21 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.