नई दिल्ली: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) यानी की राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के चैयरमेन का पद एक बार फिर से रिक्त हो गया है.
NCDRC के आठवे चैयरमेन के रूप में जस्टिस आर के अग्रवाल का कार्यकाल 4 मई को ही पूर्ण हो चुका है. जस्टिस आर के अग्रवाल को 1 मई 2017 को इस पद नियुक्ति दी गयी थी. जस्टिस अग्रवाल से पूर्व इस पद पर जस्टिस डी के जैन ने 30 जून 2018 को अपना कार्यकाल पूर्ण किया था.
NCDRC की स्थापना से लेकर अब तक इसके चैयरमेन की नियुक्ति शीघ्र होती रही है, आयोग के दूसरे चैयरमेन के रूप में Justice K S Paripoornan की नियुक्ति में जरूर करीब 5 माह का वक्त लगा था.
उसके बाद के सभी चैयरमेन की नियुक्ति सेवानिवृत होने वाले चैयरमेन की सेवानिवृति से पूर्व या सेवानिवृत होने के एक सप्ताह के भीतर ये नियुक्ति होती रही है. लेकिन वर्तमान में आठवे चैयरमेन के रूप में जस्टिस आर के अग्रवाल की 4 मई को सेवानिवृति के 10 दिन बाद भी फिलहाल आयोग के नए चैयरमेन को लेकर कोई निर्णय नही हो पाया है.
NCDRC की स्थापना वर्ष 1988 में की गयी थी, इसके अध्यक्ष के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज ही नियुक्त किए जाते है. इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत स्थापित किया गया था.
NCDRC के 9 वें चैयरमेन के रूप में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की तलाश की जा रही है. फिलहाल इस पद को लेकर सबसे ज्यादा नाम जस्टिस अजय रस्तोगी का नाम चर्चा में रहा था.
जस्टिस अजय रस्तोगी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज है वे आगामी 16 जून को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत होने जा रहे है.
ज्यूडिशरी के गलियारों में जस्टिस रस्तोगी को NCDRC के चैयरमेन के तौर पर देखा जा रहा था, क्योकि वे देश के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश की पहली पसंद माने जाते है.
लेकिन सुत्र बताते है कि जस्टिस अजय रस्तोगी ने ना केवल NCDRC का चैयरमेन बनने से इंकार किया है, बल्कि वे सेवानिवृति के बाद किसी भी पद पर नियुक्ति के पक्ष में नही है.
सुप्रीम कोर्ट से पिछले दो दिनों में दो वरिष्ठ जज जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी भी सेवानिवृत हो चुक है, लेकिन इस पद पर फिलहाल नियुक्ति की चर्चा नही है.
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग यानी NCDRC के चैयरमेन के पद सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की नियुक्ति ही होती है. यह नियुक्ति देश की मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है.
वर्ष 1988 में इस आयोग की स्थापना से लेकर अब तक कुल 8 चैयरमेन की नियुक्ति की जा चुकी है.