नई दिल्ली : गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सोनिया गिरिधर गोकानी (Sonia G Gokan) आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. इन दिनों वो चर्चाओं में बनी हुई हैं. आईए जानते हैं कौन हैं जस्टिस सोनिया गिरिधर गोकानी और क्यों वो सुर्खियों में बनी हुई हैं.
गुजरात के जामनगर से ताल्लुक रखने वाली जस्टिस गोकानी का जन्म 26 फरवरी, 1961 को हुआ था. अगर बात करें उनकी शैक्षणिक योग्यता कि तो उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी के पढ़ाई के साथ LLB और LLM भी किया है.
इतना ही नहीं वो शाह लॉ कॉलेज, जामनगर में अंशकालिक व्याख्याता (part-time Lecturer) के तौर पर अपनी सेवा भी दे चुकी हैं और लगभग पांच वर्षों तक जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (District Consumer Disputes Redressal Forum) के सदस्य के रूप में नियुक्त हुईं और अपनी सेवा दे चुकी हैं.
जस्टिस सोनिया गिरिधर गोकानी ने एक वकील के रूप में विभिन्न संगठनों के साथ काम किया है. जस्टिस गोकानी 10 जुलाई, 1995 को न्यायपालिका (Judiciary) में सीधे जिला न्यायाधीशों के कैडर में शामिल हुईं थी और कई दीवानी और आपराधिक मामलों की अध्यक्षता की.
गुजरात राज्य में आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत विशेष न्यायालय की स्थापना के बाद, इस न्यायालय के विशेष न्यायाधीश के रूप में काम किया और 2003 से 2008 तक महत्वपूर्ण मामलों का संचालन किया. सीबीआई द्वारा जांच किए गए मामलों के लिए विशेष न्यायालय सीबीआई के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया.
मार्च 2008 में जिला न्यायाधीशों के कैडर तक न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिए रजिस्ट्रार [भर्ती] के रूप में गुजरात के उच्च न्यायालय में प्रतिनियुक्त हुईं. लगभग 18 महीनों के लिए रजिस्ट्रार [आईटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर] के रूप में भी सेवा की. इस अवधि के दौरान, विभिन्न राष्ट्रीय मंचों पर उन्होंने प्रस्तुति दी. गुजरात राज्य न्यायिक अकादमी और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में संकाय सदस्य का दौरा किया.
17 फरवरी, 2011 को उन्हे गुजरात हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश (Additional Judge) के रूप में पदोन्नत किया गया और 28 जनवरी, 2013 को स्थाई किया गया. गुजरात हाईकोर्ट में जजों के कुल 52 पद स्वीकृत हैं. इनमें 39 स्थायी और 13 पद अतिरिक्त न्यायाधीशों के लिए हैं. गुजरात हाईकोर्ट में अभी कुल जजों की संख्या 26 है.
जस्टिस सोनिया गिरिधर गोकानी गुजरात हाई कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन गई हैं. देश की न्यायपालिका में गुजरात हाईकोर्ट की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब एक महिला जज मुख्य न्यायाधीश बनी हैं. जिसके कारण वो चर्चाओं में बनी हुई हैं. चीफ जस्टिस अरविंद कुमार की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के साथ ही उनकी नियुक्ति कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद केंद्र की मंजूरी मिलने पर रविवार को ही राष्ट्रपति भवन से उनका नियुक्ति वारंट जारी किया गया. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जस्टिस गोकनी की मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना भी दे दी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को जस्टिस गोकानी के नाम की सिफारिश की थी.
जानकारी के लिए आपको बता दे कि वो केवल एक पखवाड़े के लिए मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगी. गुजरात हाईकोर्ट में सेवानिवृत होने की आयु 62 साल है यही कारण है कि वो 25 फरवरी को सेवानिवृत्त (Retire) हो जाएंगी. वह वर्तमान में गुजरात हाई कोर्ट की सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश (Senior Most Judge) हैं.
गोकानी अपने करियर में महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील फैसले देती रहीं है. इसके अलावा उन्हे पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर अक्सर चिंता जाहिर करते देखा गया. इसके साथ ही जस्टिस गोकानी गुजरात हाईकोर्ट में जस्टिस रहते हुए आतंकवाद के खिलाफ कई ऐतिहासिक फैसले लिए. पिछले साल स्वामीनारायण संप्रदाय से संबंधित हरिधाम सोखड़ा के संवेदनशील मामले की सुनवाई उन्होंने ही की थी. जस्टिस गोकानी टाटा कोर्ट में जज के तौर पर भी अपना योगदान दे चुकी हैं. उन्होने 2003 से लेकर 2008 तक आतंकवाद के खिलाफ कई कड़े फैसले दिए.
जस्टिस गोकानी काफी सख्त और तेज तर्रार जज मानी जाती हैं. जब कोरोना का दौर चल रहा था तब सभी काम ऑनलाइन हो रहे थे. उस वक्त कोर्ट का संचालन भी ऑनलाइन ही किया जा रहा था. तब जस्टिस गोकानी अपने फैसले खुद ही टाईप किया करती थीं.