कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा देने की बात कहीं. ऐसा उन्होंने एक बंगाली न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा हैं. इस्तीफे की बात बाहर आने से उनके सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा तेज है. हाल ही में जस्टिस सौमेन सेन (Justice Soumen Sen) पर पॉलिटिकल पार्टी से प्रेरित होकर कार्य करने के लगाए आरोपों से चर्चा में थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कलकत्ता हाईकोर्ट के दोनों जजों के बीच बढ़ते विवाद को संज्ञान में भी लिया था. अब जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) के इस्तीफे की बात सामने आ रही है.
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने एबीपी आनंदा से कहा,
“TMC ने मुझे कई बार राजनीति में आने के सुझाव दिए. तो क्यों न ऐसा किया जाए. जिन लोगों को मौका मिला, उन्होंने जनता के लिए कुछ भी नहीं किया. चूंकि मेरे पास कई सारे केस पेंडिंग हैं, इसके चलते 4 मार्च को कोर्ट में ही रहूंगा. मंगलवार, 5 मार्च को राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौपूंगा.”
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय अपने फैसलों से हमेशा चर्चा के केन्द्र में रहे हैं. हाल ही में उन्होंने जस्टिस सौमेन सेन पर एक राजनीतिक पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था. विवाद यूं बढ़ा कि जस्टिस ने बंगाल पुलिस को एक केस से जुड़ी जानकारी सीबीआई को देने का आदेश दिया. इस आदेश पर जस्टिस सौमेन सेन की अगुवाई वाली बेंच ने रोक लगा दिया. जस्टिस गंगोपाध्याय ने इस मामले में दुबारा सुनवाई कर फैसले को पूर्ववर्तित कर दिया. ये विवाद इतना गहरा हो गया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा. वहीं, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने जस्टिस सौमेन सेन पॉलिटिकल पार्टी के प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया था.
साल 1962 में,अभीजीत गंगोपाध्याय का जन्म कलकत्ता में हुआ. वर्तमान में वे कलकत्ता हाईकोर्ट के जज के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. पिता भी वकलाती पेशे में ही थे. उन्होंने कानून की पढ़ाई हाजरा लॉ कॉलेज से की थी.कॉलेज के दिनों में वे थिएटर ग्रुप से जुड़े थे. करियर की शुरूआत में ही वे बंगला सिविल सेवा (WBCS) के ग्रेड-ए अधिकारी के तौर पर चुने गए थे. गंगोपाध्याय यह नौकरी छोड़कर और राज्य के वकील के तौर पर कार्य करने लगे. बार से बेंच में पदोन्नति हुई. 2 मई, 2018 को कलकत्ता हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में शामिल हुए. 30 जुलाई, 2020 में स्थायी न्यायाधीश बनें. अब जस्टिस ने इस पद से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में आने की बात चर्चा में है.