नई दिल्ली: आपने अकसर लोगों को मार-पीट या लड़ाई झगड़ा करते हुए सिर फोड़ने की बातें करते या सिर पर वार करते देखा होगा. हम भी कई बार आवेशित होकर किसी को सिर फोड़ने की धमकी दे देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं भारतीय कानून के तहत सिर पर वार करना एक गंभीर और दंडनीय अपराध माना गया है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगें की सिर पर वार करना क्यों दंडनीय अपराध है और ऐसा करने पर क्या सजा है.
भारतीय दंड संहिता यानि IPC की धारा 320 के तहत 8 प्रकार के गंभीर अपराधों का जिक्र किया गया है. इनमें उनमें सिर फोड़ना यानि किसी के सिर पर जान बूझकर वार करना भी शामिल.
यदि किसी व्यक्ति के सिर पर हथियार से या किसी अन्य वास्तु से गंभीर वार किया जाता है और जो व्यक्ति वार कर रहा है वो ये जानता है कि इसके क्या परिणाम हो सकते हैं तो ऐसे मामले में उस व्यक्ति पर (IPC) की धारा 307 यानी हत्या के प्रयास का मुकदमा लगेगा. हत्या का प्रयास एक सज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है. ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज होने के बाद आपसी सहमति से भी मामला नहीं सुलझाया जा सकता है. इन मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय यानी सेशन कोर्ट द्वारा की जाती है.
अगर किसी व्यक्ति पर धारा 307 के तहत अपराध सिद्ध हो जाता है तो अपराधी को 10 वर्ष तक की सजा एवं जुर्माना दोनों एक साथ हो सकती हैं. इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति को बेहद गंभीर चोटें आती है तो आजीवन कारावास तक की भी सजा हो सकती है.
सिर मानव शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है. सिर पर वार करने से मनुष्य की जान तक को खतरा होता है. यही कारण है की भारतीय कानून में सर पर वार करने पर हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाया जाता है.