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जब आप हारते हैं तभी EVM से छेड़छाड़ होती है, जीतते हैं तो नहीं? बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग पर SC

बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग याचिका में याचिका में निर्वाचन आयोग को धन और अन्य प्रलोभनों के लिए उम्मीदवारों को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया गया था.

Written by Satyam Kumar |Published : November 27, 2024 8:22 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने देश में फिर से मतपत्रों के जरिये मतदान (Voting through Ballot Paper) कराने की पुरानी व्यवस्था शुरू करने संबंधी याचिका मंगलवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि जब लोग हारते हैं तभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में छेड़छाड़ के आरोप सामने आते हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इरादों पर सवाल उठाया और इस बात पर प्रकाश डाला कि ईवीएम से छेड़छाड़ के दावे अक्सर चुनावी हार के बाद किए जाते हैं. याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार की चिंताओं और बैलेट वोटिंग की अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं का हवाला देते हुए सख्त चुनाव दिशा-निर्देशों की मांग की.

चुनाव हारने पर ही लगते हैं EVM पर आरोप?

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि होता यह है कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती. जब आप चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ हो जाती है. याचिका में मतपत्र से मतदान कराए जाने के अलावा कई अन्य दिशानिर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया था. याचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि यदि कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को धन, शराब या अन्य भौतिक प्रलोभन वितरित करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.

जब याचिकाकर्ता के. ए. पॉल ने कहा कि जनहित याचिका उन्होंने दायर की है, तो पीठ ने कहा कि आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं. आपको ये शानदार विचार कहां से मिलते हैं?

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याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जिसने तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है. पीठ ने इसके जवाब में कहा कि आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों पड़ रहे हैं? आपका कार्य क्षेत्र बहुत अलग है. पॉल ने जब बताया कि वह 150 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं, तो पीठ ने उनसे पूछा कि क्या इन देशों में मतपत्रों के जरिये मतदान होता है या वहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का इस्तेमाल होता है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि अन्य देशों ने मतपत्रों के जरिये मतदान की प्रक्रिया को अपनाया है और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए.

पीठ ने कहा,

‘‘आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?’’

पॉल ने जवाब दिया कि भ्रष्टाचार हुआ है और इस साल (2024) जून में निर्वाचन आयोग ने घोषणा की थी कि उन्होंने 9,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. पीठ ने कहा, ‘‘लेकिन इससे आपकी बात कैसे प्रासंगिक हो जाती है... यदि आप मतपत्र की ओर लौटते हैं, तो क्या भ्रष्टाचार नहीं होगा?’’ पॉल ने दावा किया कि टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक एलन मस्क ने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भी दावा किया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है.

पीठ ने कहा,

‘‘जब चंद्रबाबू नायडू हारे थे, तो उन्होंने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. अब इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे हैं तो उन्होंने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है.’’

जब याचिकाकर्ता ने कहा कि हर कोई जानता है कि चुनावों में पैसे बांटे गए थे तो पीठ ने टिप्पणी की कि हमें किसी चुनाव के लिए कभी कोई पैसा नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्र से चुनाव कराने की याचिका खारिज की.