नई दिल्ली: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के नीमच की रहने वाली एक हिंदू युवती को हरिद्वार के पिरान कलियर में नमाज पढने की अनुमति देते हुए पुलिस को उसकी सुरक्षा करने के आदेश दिए है.
हिंदू युवती स्वेच्छा से दरगाह में नमाज अदा करना चाहती है जिसका वहां के स्थानीय हिंदू संगठन उसका विरोध करते है. इसी विरोध के चलते युवती ने हाईकोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दायर की है.
जस्टिस मनोज कुमार तिवारी और जस्टिस पंकज पुरोहित की पीठ ने हिंदू युवती भावन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश दिए है.
हाईकोर्ट ने स्थानीय हरिद्वार पुलिस को युवती के नमाज पढने के लिए जरूरी इंतजाम और सुरक्षा करने के आदेश दिए है.
हाईकोर्ट ने स्थानीय एसएचओं को उचित इंतजाम करने के आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की है.
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता युवती को आदेश दिए है कि उसे नमाज पढने जाने से पूर्व संबंधित थानाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर इसकी जानकारी देनी होगी जिससे उचित समय पर सुरक्षा मुहैया कराई जा सके.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता भावना ने कहा कि वह पिरान कलियर में नमाज पढना चाहती है क्योकि वह उससे प्रभावित है.
पीठ द्वारा यह पूछे जाने पर कि उसने अपना धर्म नहीं बदला है, फिर वहां पर नमाज क्यों पढना चाहती है, याचिकाकर्ता ने जवाब दिया कि
वह दरगाह से प्रभावित है.
याचिकाकर्ता युवती ने अदालत को बताया कि ना तो उसने अब तक शादी की है और ना ही वह अपना धर्म बदलना चाहती है, लेकिन उसे पिरान कलियर में नमाज नहीं पढने दी जा रही है.
याचिकाकर्ता भावना एक 22 वर्षिय हिंदू युवती है जो कि हरिद्वार निवासी 35 वर्षिय युवक फरमान के साथ रहती है, ये दोनो युवा हरिद्वार की एक फार्मा कंपनी में साथ में नौकरी करते है.
युवती और फरमान ने हाल ही में दरगाह जियारत के दौरान नमाज पढने को लेकर शिकायत की. युवती का कहना है कि जब भी वह नमाज अदा करने के लिए जाती है तो हिंदू संगठन विरोध करते है.
जिसके बाद युवती के साथ ही फरमान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए अनुरोध किया और दरगाह में नमाज पढने की अनुमति मांगी.
दायर याचिका में भावना ने अदालत से कहा है कि वह हिंदू धर्म की अनुयायी है, लेकिन धार्मिक स्वतंतत्रा के अधिकार के तहत वह पिरान कलियर में नमाज अदा करना चाहती है.
उसने याचिका में कहा है कि बिना डर, भय या दबाव के पिरान कलियर में नमाज अदा करना चाहती है.