संभल कोर्ट में आज जामा मस्जिद के एएसआई सर्वे की रिपोर्ट आज अदालत में पेश होनी है. सुरक्षा के लिहाज से आज चंदौसी कोर्ट के वकीलों ने कलम हड़ताल की घोषणा की है. वकीलों ने दावा किया अदालत में अन्य वादियों के आने से हंगामा होने की संभावना है, इसलिए उन्होंने अन्य मामलों पर सुनवाई स्थगित करने का फैसला किया है. बता दें कि अदालत में ASI की ओर से वकील आ चुके हैं.
इस हड़ताल को कुछ इस तरह भी समझ सकते हैं कि सभी वकीलों ने यह तय किया है कि आज कलम बंद हड़ताल रखेंगे क्योंकि जो दूसरे मुकदमे आज के लिए तय किए गए थे, उन पर वादी और पैरोंकारों को भी कोर्ट में पेश होना होता है. सुरक्षा के लिहाज से यह फैसला लिया गया है कि आज वकील कोई भी मुकदमा कोर्ट के अंदर नहीं लड़ेंगे सिर्फ आज शाही जाम मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पर ही सुनवाई होगी.
उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार (20 नवंबर, 2024) को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया. जिला अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए. जिला अदालत का फैसला हिंदू पक्ष की याचिका पर है, जिसमें इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 29 नवंबर की अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ शाही जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने वाली है. याचिका में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के खुलासा करने पर रोक लगाने की मांग की गई है.
हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता. जैन ने कहा वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं. इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है.