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'किसी धर्म को सबसे श्रेष्ठ मानना धर्मनिरपेक्षता की भावना के खिलाफ', जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में Allahabad HC की अहम टिप्पणी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान धर्म के स्वतंत्र रूप से प्रचार, प्रसार और पालन के अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन जबरदस्ती या धोखाधड़ी से धर्मांतरण को मंजूरी नहीं देता है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : May 19, 2025 7:47 PM IST

हाल ही में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) ने अहम फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आर्टिकल 25 में 'स्वतंत्र रूप से' (Freely)  शब्द का प्रयोग को विस्तार से बताते हुए कहा कि हमारा संविधान धार्मिक विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वैच्छिक प्रकृति को रेखांकित करता है अर्थात भारतीय संविधान धर्म के स्वतंत्र रूप से प्रचार, प्रसार और पालन करने के अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन जबरदस्ती या धोखे से धर्म परिवर्तन को मान्यता नहीं देता है. बताते चलें कि हाई कोर्ट में यह याचिका चार शख्स ने दायर की थी, जिनके खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. इन चारों अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी. प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, आरोपियों ने लोगों को पैसे और मुफ्त चिकित्सा उपचार का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया था.

याचिका की सुनवाई कर रही जस्टिस विनोद दिवाकर की पीठ एकल पीठ ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश का अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुरूप सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिक अखंडता और स्वास्थ्य को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया गया है, यह अधिनियम उन धर्म परिवर्तनों को नियंत्रित करने के लिए है जो दबाव, गलत बयानी या अनुचित प्रभाव के माध्यम से कराए जाते हैं. हाई कोर्ट ने आरोपियों को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि आरोप स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ एक संज्ञानीय अपराध का गठन करते हैं, जो मामले के पंजीकरण और उस पर जांच को उचित ठहराता है.

सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पर भी विचार किया कि क्या पुलिस अधिकारी, उत्तर प्रदेश का अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 की धारा 4 के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति की जगह शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस हाई कोर्ट ने कहा कि अगर इसे बीएनएनएस की धारा के साथ पढ़ा जाए तो पुलिस अधिकारी संज्ञेय अपराध की शिकायत दर्ज करके उस पर कार्रवाई कर सकते हैं.

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