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'देखिए अमेरिका कैसे Suffer कर रहा है..किसी को भी गोली मारी जा सकती है': Unlicensed Firearms को लेकर SC की गंभीर टिप्प्णी

Supreme Court मंगलवार को स्वप्रेणा प्रसंज्ञान से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. Supreme Court ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों पर देश में बढते unlicensed firearms को लेकर चिंता जताते हुए स्वप्रेणा प्रसंज्ञान लिया था.

Supreme Court on Unlicensed Firearms

Written by Nizam Kantaliya |Published : May 17, 2023 11:25 AM IST

नई दिल्ली: देश में ग़ैर लाइसेंसी हथियार के रखने और इस्तेमाल के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद गंभीर टिप्पणी की हैं. अवैध हथियारों और गन कल्चर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी अगली पीढी के लिए अवैध हथियार और उनका उपयोग नही रहना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि "अमेरिका को देखें कि वह कैसे पीड़ित हैं क्योंकि यह उनके मौलिक अधिकार में है. हमारे पास यह नहीं है लेकिन फिर भी हम पीड़ित हैं."

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है. किसी को भी गोली मारी जा सकती है.

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स्वप्रेणा प्रसंज्ञान पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को स्वप्रेणा प्रसंज्ञान से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों पर देश में बढते unlicensed firearms को लेकर चिंता जताते हुए स्वप्रेणा प्रसंज्ञान लिया था.

पूर्व में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी राज्यों और केन्द्र शाषित प्रदेशो को भी नोटिस जारी करते हुए unlicensed firearms से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और पिछले वर्षो के दौरान की संख्या का पूर्ण विवरण पेश करने के आदेश दिए थे.

मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अब तक इस मामले में मणिपुर और नागालैंड राज्यों की ओर से जवाब पेश नही किया गया है.

जिस पर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 7 अगस्त, 2023 को अगली सूचीबद्ध को तय की है.

जमानत याचिका पर सुनवाई

जस्टिस के एम जोसेफ और जटिस्स बी वी नागरत्ना की पीठ एक 73 वर्षिय हत्या के आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान बिना लाइसेंस के हथियारों के बढते चलन का जिक्र आने पर पीठ ने उत्तरप्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था.

सुनवाई के दौरान जहां याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के समक्ष फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट का हवाला दिया गया जिसके अनुसार, जो गोली चलाई गई थी, वह उसके पास से बरामद बंदूक से मेल नहीं खाती थी.

जिसके जवाब में अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि इस मामले में बिना लाइसेंस के हथियार का प्रयोग किया गया है. इससे अपराध करने के बाद आरोपी आसानी बचने का रास्ता ढूंढ लेते है.

पीठ ने बिना लाइसेंस के हथियारों के बढते प्रयोग पर चिंता जताते हुए इस मामले में स्व प्रेरणा प्रसंज्ञान लेते हुए उत्तरप्रदेश सरकार को आदेश दिए है कि वह बिना लाइसेंस के हथियारों के कब्जे और उपयोग से जुड़े मुकदमों की संख्या और उन मुकदमों में की गई कार्रवाई का ब्यौरा पेश करे.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया थाा.

क्या है मामला

मामले के अनुसार 73 वर्षिय याचिकाकर्ता पर आरोप है कि आपसी रंजीश के चलते उसने ​अपने साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता और सात अन्य पर कथित रूप से अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस फायरिंग के दौरान मृतक की हत्या की गई.

याचिकाकर्ता आरोपी ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर करते हुए मानवीय आधार पर जमानत का अनुरोध किया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए उम्र और स्वास्थ्य के तर्क को भी मानने से इंकार करते हुए जमानत खारिज कर दी थी.

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए चुनौती दी. याचिकाकर्ता ने अपने पक्ष में तर्क दिए कि इस मामले में एक सह-आरोपी को पहले ही नियमित जमानत दी जा चुकी है और वह 5 साल से अधिक समय से हिरासत में हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जमानत याचिका पर सुनवाई पेडिंग रखते हुए उत्तरप्रदेश राज्य से बिना लाईसेंस हथियारों को लेकर जानकारी मांगी है.