Three Criminal Laws Comes Into Force: आज से देश भर में नए अपराधिक कानून लागू हो चुके हैं. सरकार इस कानून को प्रैक्टिस में लाने को लेकर भी हरसंभव प्रयास कर रही है. जनमानस में कानून की समझ बढ़ाने, कानून को लेकर बन रहे मिथक को तोड़ने और सबसे बड़ी चुनौती इसे प्रभावी रूप से कार्यप्रणाली में लाना है. नए अपराधिक कानून के आने से सबसे ज्यादा प्रभावित पुलिस अधिकारी, वकील और जज होंगे. उन्हें कानून की नई धाराओं से वाकिफ होना पड़ेगा. छात्रों, प्रोफेसर की भी मेहनत बढ़ेगी. कुछ कुनबों ने नए कानून को लेकर आपत्ति जताई है तो कुछ सरकार के इसे लागू करने के तरीकों पर सवाल उठा रही है. हालांकि, सरकार ने कानून को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है और कानून की स्वीकार्यता बढ़ाने को लेकर तत्पर भी है. आइये हम आपको सरकार के प्रयासों से अवगत कराएं, जो नए अपराधिक कानून को सुचारू रूप से प्रैक्टिस में लाने को लेकर हो रही है.
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग ने कानून से जुड़े स्टेकहॉल्डर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए 13 ट्रेनिंद मॉड्यूल डेवलप किए हैं. इन मॉड्यूल से पुलिस, न्यायिक अधिकारी, फॉरेंसिक एक्सपर्टस आदि को ट्रेनिंग दी जाएगी.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने नए अपराधिक कानूनों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के आदेश दिए हैं. सूचना के अनुसार नए कानूनों को 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. वहीं स्कूली शिक्षा विभाग अक्टूबर से मार्च के बीच कक्षा 6 से ऊपर के छात्रों के लिए विशेष मॉड्यूल बनाएगा.
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने IAS/IPS/न्यायिक अधिकारियों और अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, फोरेंसिक लैब आदि के अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया है.
महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्रालयों ने 21 जून को लगभग 40 लाख जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए नए कानूनों पर हिंदी वेबिनार आयोजित किया. 25 जून को अंग्रेजी में आयोजित दूसरे वेबिनार में लगभग 50 लाख लोगों ने भाग लिया.
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो समन्वित प्रचार अभियान के लिए अंतर-मंत्रालयी समूह (Inter Ministerial Group) के साथ समन्वय कर रहा है. सभी विभागों में विषयगत पोस्टर और फ्लायर्स शेयर किए गए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रेस विज्ञप्ति, इन्फोग्राफिक्स आदि के माध्यम से नए कानूनों के बारे में जानकारी देने की योजना है.
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने नए कानूनों की जानकारी देने के लिए वर्तालाप नामक सेवा जारी की है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने एफआईआर के पंजीकरण सहित तकनीक को सुविधाजनक बनाने के लिए अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) एप्लिकेशन में 23 फंक्शनल सुधार किए है. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, और समीक्षा और सहायता के लिए सहायता दल और कॉल सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं. 14 मार्च को एक मोबाइल वेब एप्लिकेशन, एनसीआरबी आपराधिक कानूनों का संकलन (NCRB Sankalan) लॉन्च किया गया.
सरकार ने इन कानूनों की शिक्षा को लेकर उच्च शिक्षण संस्थान को भी सेमिनार, वर्कशॉप आदि के माध्यम से इस कानून के प्रति जागरूक बढ़ाने की जरूरत है.