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Mahua Moitra को Delhi High Court से नहीं मिली राहत, रिश्वत लेकर सवाल पूछने का है आरोप

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई की टिप्पणी पर रोक लगाने की महुआ मोइत्रा की मांग खारिज कर दी है. सांसद पर आरोप है कि उन्होंने व्यवसायी से पेशे लेकर संसद में सवाल पूछे थे.

Written by My Lord Team |Published : March 5, 2024 9:08 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की अंतरिम राहत आवेदन (Interim Relief Application) खारिज कर दी है. टीएमसी नेत्री (TMC Leader) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद निशिकांत दुबे (BJP Leader Nishikant Dubey) और वकील जय अनंत देहाद्राई (Advocate Jay Anant Dehdrai) की टिप्पणी पर रोक लगाने की मांग की थी. महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)  ने याचिका में कहा कि ये नेता उन पर लगे आरोपों को लेकर मजाक बना रहे हैं. जिससे उनकी बदनामी हो रही हैं. बता दें कि महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी हीरानंदानी (Businessman Hiranandani) से रिश्वत लेकर संसद में उनके हित में सवाल उठाए थे. 

SC में खारिज हुई याचिका

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले को सुना है. और इस मांग को खारिज किया. 

पुराना है मामला 

पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने दुबे और देहाद्राई पर मानहानि का मुकदमा दायर किया  था. ये मुकदमा उन्होंने इन नेताओं के द्वारा आरोप लगाने के बाद किया. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने टीएमसी नेत्री पर आरोप लगाया. महुआ मोइत्रा ने मंहगे उपहारों के बदले व्यवसायी हीरानंदानी के साथ अपने संसद एकाउंट के लॉग-इन क्रेडेंशियल शेयर किये थे. उन्होंने  दावा किया कि संसद में मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल हीरानंदानी के जुड़े थे. 

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लोकसभा आचार समिति ने इन आरोपों की जांच की. जांच के बाद  मोइत्रा का लोकसभा सदस्यता रद्द करने का सुझाव दिया. 8 दिसंबर, 2023 के दिन महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित कर दिया गया.