Three New Criminal Laws: देश भर में आगामी 1 जुलाई से तीन कानून, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होनेवाले हैं. ऐसे में नये कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने अपने प्रशिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द इन कानूनों को पाठ्यक्रम में जोड़ने के लिए सब्जेक्ट मैटर (Subject Matter) तैयार करें.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने सभी मंत्रालयों और विभागों को नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन में संबंधित विभागों को अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम में तीन कानूनों को लागू करने के आदेश दिए. वहीं प्रशिक्षण संस्थानों को ट्रेनिंग प्रोग्राम में कानूनों को जोड़ने के लिए विषय वस्तु तैयार (Subbject Matter) करने के निर्देश दिए हैं.
तीनों अपराधिक कानून को 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. जारी अधिसूचना के अनुसार ये कानून 1 जुलाई से लागू होंगे. इसे लेकर केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने भी इन नए कानूनों को लेकर हितधारकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाने की गुजारिश की है.
भारत सरकार ने राजपत्र के जरिए अधिसूचना (Notification) जारी की है, जिसमें कहा गया कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई, 2024 से लागू होंगे.
IPC की जगह BNS
नए कानून में IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू होगी. इसमें 358 धाराएं होंगी. वहीं IPC में 511 धाराएं थी. साथ ही BNS में 21 नए अपराधों को सम्मिलित किया गया है.
CrPC की जगह BNSS
अपराधिक मामलों की कार्यवाही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत होगी. CrPC में 484 धाराएं थी. वहीं, BNSS में 531 धाराएं होंगी. नए कानून में CrPC की 177 धाराओं को बदला गया है. साथ ही 9 नए धाराओं को जोड़ा गया है. वहीं CrPC में मौजूद 14 धाराओं को हटाया भी गया है.
IEA में अब 170 धाराएं
भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 170 धाराएं होंगी. अभी इस कानून में 166 धाराएं मौजूद हैं. इस कानून के तहत मुकदमें के सबूतों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होगी, यह सब अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत ही दर्ज होगी.