नई दिल्ली: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान सरकार हाल ही पारित किए गए अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023 को राष्ट्रपति को भेजा है.
राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च को ही Advocates (Protection) Bill पारित किया गया था, जिसके साथ ही वकीलों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है.
राज्य सरकार ने इस बिल को अधिसूचित करने के लिए राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा गया था. लेकिन अब यह मामला लंबा खिच सकता है क्योकि राज्यपाल ने केन्द्रीय अधिनियम के संशोधन के प्रावधान के चलते इसे राष्ट्रपति के समक्ष विचार के लिए भेजा है.
राज्यपाल ने Advocates Protection Bill को राष्ट्रपति को भेजते हुए कहा कि चूकिं इस विधेयक पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के उपबंध लागू होते है इसलिए इसे राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजा गया है.
राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक (Advocates Protection Bill) मार्च के तीसरे सप्ताह में राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया था और कुछ संशोधनों के साथ इसे 22 मार्च को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया थ.प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के बाद राजस्थान में एक माह से जारी अधिवक्ताओं की हड़ताल भी समाप्त हो गई थी.
बिल की मांग को लेकर राजस्थान की अदालतों में 20 फरवरी से ही वकील कार्य बहिष्कार पर कर रहे थे.
गौरतलब है कि राजस्थान के जोधपुर में एक थाने में हुई वकील की पिटाई के विरोध में 1 महीने तक एडवोकेट एसोसिएशन हड़ताल पर चले गए थे. जिससे अदालतों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ.
देश भर में राजस्थान पहला प्रदेश बन गया जहां एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया गया है. इस विधेयक का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और अधिवक्ताओं की संपत्ति को नुकसान या नुकसान की रोकथाम के लिए सुरक्षा प्रदान करना है.