नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़ ने देश और दुनिया की न्यायपालिका के विकास को लेकर शुक्रवार को अहम बात कही है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका को कोविड-19 जैसी एक और महामारी का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि विकसित होते रहना चाहिए और virtual hearing जैसे प्रयोगो का उपयोग सक्रियता के साथ बढाना चाहिए.
CJI DY Chandrachud शुक्रवार को SCO सदस्य देशों के Supreme Court मुख्य न्यायाधीशों की 18 वीं बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे नई दिल्ली में आयोजित हो रही इस बैठक में SCO के सदस्य देशों के 10 मुख्य न्यायाधीश शिरकत कर है, वहीं कुछ देश इसमें वर्चुअल तरीके से शामिल हुए.
SCO के सदस्य देशों के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए सीजेआई चन्द्रचूड़ ने कोविड के बाद भारत की न्यायपालिका में आए महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर जानकारी दी.
सीजेआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने न्यायिक प्रणाली को न्याय प्रदान करने के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर किया और हमें लक्ष्य के रूप में इसे और विकसित करना चाहिए.
सीजेआई ने कहा कि भारत का सुप्रीम कोर्ट देश में अदालतों के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना जारी रखेगा, जिसने भारतीय न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी के समावेश ने न केवल न्यायिक संस्थानों को अपने सभी नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बना दिया है बल्कि आम जनता तक आसानी से पहुंच बनाने के लिए एक बेहतर उपकरण के रूप में भी काम कर रहा है.
सीजेआई ने कहा कि virtual hearing के चलते अधिवक्ता या वादी देश के किसी भी हिस्से से अदालतों के समक्ष अपने मामले पर बहस करने के लिए उपस्थित हो सकते हैं.
सीजेआई ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग भी शुरू कर दी है, सुनवाई के लाइव ट्रांसक्रिप्शन और निर्णयों के अनुवाद के लिए आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है.
एससीओ के सदस्य राज्यों के बीच न्यायिक सहयोग और समन्वय विकसित करने के उद्देश्य से 10 से 12 मार्च तक इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है. भारतीय सुप्रीम कोर्ट इस बैठक की मेजबानी कर रहा है और संगठन की इस 18 वीं बैठक में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़, सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ शामिल होंगे.
सीजेआई चन्द्रचूड़ इस बैठक में "स्मार्ट कोर्ट और न्यायपालिका के भविष्य विषय पर अपना संबोधन देंगे, वही जस्टिस एस के कौल "न्याय तक पहुंच" को सुगम बनाने और जस्टिस के एम जोसेफ न्यायपालिका के सामने संस्थागत चुनौतियां विषय पर अपना संबोधन देंगे.