कोलकाता: बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला (Teachers' Recruitment Scam) के आरोपी और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की करीबी रहीं अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) ने विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने पर सारा दोष चटर्जी पर मढ़ दिया है।
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस (IANS) के अनुसार, पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में अर्पिता को सोमवार को जब एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया तो उनके वकील ने चटर्जी को उस मामले का मास्टरमाइंड बताया. साथ ही, अर्पिता के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल के फ्लैटों का उपयोग घोटाले की आय रखने के लिए किया गया था।
आपको यहां बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अर्पिता मुखर्जी के नाम पर दो फ्लैटों से कई करोड़ रुपये, सोने के बिस्कुट और गहने बरामद किए थे। इस बरामदगी पर अर्पिता ने कहा था कि चटर्जी जब्त किए गए पैसे और सोने के मालिक थे।
अर्पिता के वकील ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया, "यह पार्थ चटर्जी थे, जो घोटाले के लाभार्थी थे, न कि मेरे मुवक्किल। चटर्जी द्वारा खोली गई शेल कंपनियों में मेरे मुवक्किल के अलावा अन्य निदेशक भी थे। लेकिन कमल सिंह भूटोरिया, मृण्मय मालाकार और मनोज जैन सहित ये निदेशक थे, जिन्हें बख्श दिया गया। मेरे मुवक्किल की एक बूढ़ी मां है, जिसकी उन्हें देखभाल करनी है।"
आईएएनएस के अनुसार, ईडी के वकील ने जवाबी दलील में कहा कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों मामले में समान रूप से शामिल थे। साथ ही बताया की पूर्व मंत्री के नाम पर 31 जीवन बीमा पॉलिसी हैं, जिनमें अर्पिता मुखर्जी नामांकित हैं।
ईडी के वकील ने तर्क दिया की "अगर अर्पिता का घोटाले से कोई संबंध नहीं था, तो उन्होंने पहले अपना मुंह क्यों नहीं खोला और उनके स्वामित्व वाले फ्लैटों में भारी मात्रा में धन रखे होने के बारे में पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया? अगर वह अपराध में भागीदार नहीं थी, तो वह इतनी सारी बीमा पॉलिसियों में नामांकित होने के लिए क्यों सहमत हुईं?"
उन्होंने अदालत के समक्ष चटर्जी और अर्पिता के संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों की सूची भी पेश की, और कहा, तीन संपत्तियां विशेष रूप से अर्पिता के नाम पर हैं, जबकि बाकी दोनों का संयुक्त रूप से स्वामित्व है।