नई दिल्ली: म्रदास हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को तमिलनाडु राज्य के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक सड़कों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति देने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है.
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ही तमिलनाडु राज्य की पुलिस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राज्य भर के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक सड़कों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति देने का आदेश दिया था. इस मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में सुरक्षा कारणों के चलते रूट मार्च की अनुमति देने से इंकार कर दिया था.
2 अक्टूबर, 2022 को रूट मार्च की अनुमति देने से इनकार करने पर RSS के तिरुवल्लूर के संयुक्त सचिव आर कार्तिकेयन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. तमिलनाडु पुलिस ने कई जगहों पर आरएसएस की रैलियों की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पूर्व 30 सितंबर, 2022 को दिए अपने आदेश में तमिलनाडु सरकार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को 2 अक्टूबर के बजाय 6 नवंबर को रैली आयोजित करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तमिलनाडु पुलिस ने आरएसएस के मार्च को नहीं निकलने दिया था.
अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर आरएसएस ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आदेश देते हुए आरएसएस को राज्य के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक सड़कों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति दी थी.