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फिल्मों में खतरनाक ड्राइविंग स्टंट दिखाने पर रोक लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों और विज्ञापनों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले दृश्यों को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है.

Written by Satyam Kumar |Published : February 23, 2025 11:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसका उद्देश्य उन दृश्यों पर रोक लगाना है जो फिल्मों, टेलीविजन कार्यक्रमों, ओटीटी या विज्ञापनों में यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं. 'त्सुनामी ऑन रोड्स' (Tsunami on Roads) नामक एक एनजीओ द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि फिल्में और टीवी दर्शकों पर सीधे प्रभाव डालते हैं, विशेष रूप से युवा किशोरों पर.फिल्मी सितारे उन्हें प्रेरित करते हैं, इसलिए अगर फिल्में अधिक जिम्मेदार और उद्देश्यपूर्ण ड्राइविंग को दिखाती हैं, तो यह कई घातक दुर्घटनाओं को रोकने में मदद कर सकती हैं. सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित कारण सूची के अनुसार, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयन की एक पीठ इस मामले की सुनवाई 24 फरवरी को करेगी.

Unsafe Driving Scenes पर रोक लगाने की मांग

त्सुनामी ऑन रोड्स द्वारा याचिका के अनुसार, ऐसे दृश्यों पर प्रतिबंध लगाना उसी तरह से फायदेमंद होगा जैसे कि देश में सिगरेट और तंबाकू दृश्यों या शराब और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि यदि ऐसे दृश्य फिल्मों के लिए आवश्यक हैं, तो उन्हें स्क्रीन पर एक अस्वीकरण के साथ दिखाना चाहिए, जैसे कि दर्शकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे यातायात उल्लंघनों, स्टंट या रेसिंग में न पड़ें. याचिका में यह भी बताया गया है कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। 2021 में 1.5 लाख से बढ़कर 2023 में यह संख्या 1.7 लाख हो गई है। यह चिंताजनक है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें होती हैं और 40-50 प्रतिशत पीड़ित युवा होते हैं. याचिका में कहा गया है कि हमें अपनी नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि हम वांछित परिणाम क्यों नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए नई नवोन्मेषी उपायों की आवश्यकता है