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नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने के लिए दायर याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

अधिवक्ता जया सुकीन द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए 18 मई को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान और लोकसभा महासचिव द्वारा जारी आमंत्रण पत्र संविधान का उल्लंघन करता है.

Hearing in the Supreme Court on the petition filed for the inauguration of the new Parliament House by the Presidentc

Written by My Lord Team |Published : May 26, 2023 10:15 AM IST

नई दिल्ली: नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने के लिए लोकसभा सचिवालय को निर्देश देने का अनुरोध से सम्बंधित दायर याचिका की उच्चतम न्यायालय में आज सुनवाई होनी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा जारी आमंत्रण के बाद 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं.

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, अधिवक्ता जया सुकीन द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए 18 मई को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान और लोकसभा महासचिव द्वारा जारी आमंत्रण पत्र संविधान का उल्लंघन करता है.

याचिका के अनुसार, राष्ट्रपति भारत की प्रथम नागरिक हैं और संसद की प्रमुख हैं तथा नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने के लिए एक निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया गया है.

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याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति और शीर्ष विधानमंडल के दोनों सदन--राज्यसभा और लोकसभा--संसद में शामिल होंगे. इसमें दलील दी गई है, ‘‘साथ ही, अनुच्छेद 87 में कहा गया है कि संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत में, राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण देंगे और इसकी बैठक बुलाए जाने के उद्देश्य से अवगत कराएंगे, लेकिन प्रतिवादी (लोकसभा सचिवालय और केंद्र) राष्ट्रपति को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं.’’

याचिका में दलील दी गई है ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.’’

नये संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की करीब 20 विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है और सब ने मिलकर इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है.