गुरूवार (04 अप्रैल, 2024) के दिन नवनीत राणा को सु्प्रीम कोर्ट से राहत मिली है. नवनीत राणा ने अपने जाति प्रमाण पत्र को खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए नवनीत राणा की जाति प्रमाण पत्र की वैधता को बरकरार रखी है. नवनीत राणा की जाति प्रमाण पत्र में रविदासिया मोची होने के दावे को उच्च न्यायालय ने खारिज किया था. वहीं, सर्वोच्च न्यायालय सिख-चमार और रविदासिया मोची एक समान (Synonymous) होने के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाना था. बता दें, कि नवनीत राणा महाराष्ट्र के अमरावती रिजर्व सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था.
जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस संजय कौल की बेंच ने इस मामले को सुना है. शीर्ष अदालत ने जांच समिति के फैससले से सहमति जताई है. बेंच ने बताया कि समिति ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार अपना फैसला दिया है.
बेंच ने कहा,
"तत्काल मामले में, जांच समिति ने विधिवत दस्तावेजों पर विचार किया और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए अपना निर्णय पारित किया. यह अनुच्छेद 226 के तहत किसी भी हस्तक्षेप के योग्य नहीं है. चर्चा और मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के प्रकाश में , तत्काल अपील की अनुमति दी जाती है और उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया जाता है."
सुप्रीम कोर्ट ने जाति प्रमाण-पत्र जारी करनेवाली समिति के फैसले से सहमति जताई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जाति प्रमाण-पत्र रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में नवनीत राणा ने 2021 में दिए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें उच्च न्यायालय ने उसकी जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था. नवनीत ने चुनाव लड़ने के लिए खुद के ‘ रविदासिया मोची’ होने का कास्ट सर्टिफिकेट दिखाया. वहीं, रिकार्ड के आधार पर उनके सिख-चमार जाति से होने के साक्ष्य पाए गए थे.