सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणी अकाली दल के पूर्व प्रधान सुखबीर सिंह बादल और पंजाब के पूर्व एमएलए बिक्रम सिंह मजीठिया से पूछा है कि क्या वो जस्टिस रंजीत सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए खेद व्यक्त करने के लिए तैयार है. कोर्ट ने जस्टिस रंजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बेहतर होगा कि पक्षकार आपस में बातचीत कर मसले को सुलझाने की कोशिश करें.
कोर्ट ने जस्टिस रंजीत कुमार की ओर से पेश वकील से पूछा है कि अगर मजीठिया और बादल दोनों खेद व्यक्त करते है तो क्या वो उसके स्वीकार कर मामले को खत्म करने के लिए तैयार है. जस्टिस रंजीत सिंह के अध्यक्षता वाले कमीशन ने पंजाब में जून 2015 और मार्च 2017 में गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से जुड़े कई मामलों की जांच की थी। आयोग ने फरीदकोट में हुई घटना के लिए डेरा सच्चा सौदा को जिम्मेदार ठहराने के साथ, बेअदबी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन पर पुलिसया कार्रवाई के लिए सुखबीर बादल पर भी सवाल खड़ा किया था. सुखबीर बादल ने 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जस्टिस रंजीत सिंह की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े करते हुए उन पर दस्तावेजों की हेराफेरी का आरोप लगाया था.