Sharing Google Map Location With IO: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमानत की शर्त को खारिज कर दिया, जिसके तहत आरोपी को मामले के जांच अधिकारी (Investigating Officer) के साथ गूगल मैप लोकेशन पिन को शेयर करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने जमानती शर्तं में संशोधन कर नाइजीरियन नागरिक को अंतरिम जमानत दी है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ इस बात की जांच कर रही थी कि क्या गूगल मैप पिन शेयर करने वाली जमानती शर्त संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी के अधिकारों का उल्लंघन करेगी, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है.
जस्टिस उज्जल भुइयां ने कहा कि जमानत की शर्त के तहत पुलिस को आरोपी की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने और उसकी निजी जिंदगी में झांकने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के आदेश में शर्त लगाने के संदर्भ में गूगल पिन के कामकाज के बारे में गूगल इंडिया से हलफनामा भी मांगा था.
पीठ ने कहा,
"हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिवादी के तौर पर पक्ष नहीं बना रहे हैं. लेकिन हम गूगल पिन के कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से उक्त कंपनी को नोटिस जारी कर रहे हैं."
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता, एक नाइजीरियाई नागरिक को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
अदालत ने कहा,
"प्रथम दृष्टया, हमारा मानना है कि ऐसी कठिन शर्त (नाइजीरिया के उच्चायोग से यह आश्वासन प्राप्त करना कि उसे भारत छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी) नहीं रखी जा सकती क्योंकि कोई भी दूतावास ऐसा आश्वासन देने की स्थिति में नहीं होगा,"
सुप्रीम कोर्ट ने गूगल मैप की लोकेशन पिन शेयर करनेवाली जमानती शर्त को हटा दिया है.