नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने Google की अंतरिम राहत के लिए किया गया आवेदन खारिज कर दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की तीन सदस्यी बेंच ने पाया की सीसीआई (CCI) के निष्कर्षों को क्षेत्राधिकार के बिना नहीं ठहराया जा सकता है और इसे अंतरिम चरण में ही गलत घोषित नहीं किया जा सकता है. साथ ही ये भी कहा कि वह राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, लेकिन एनसीएलएटी (NCLAT) को 31 मार्च, 2023 तक अपील को सुनना होगा और फैसला सुनाना होगा.
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLAT) के अंतरिम राहत को अस्वीकार करने वाले आदेश को सही ठहराया है. सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को तीन दिनों के भीतर अपने आदेश की प्रमाणित प्रति के साथ एनसीएलएटी की समक्ष प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है. साथ ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) के आदेश का पालन करने के लिए Google को एक हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया गया है.
NCLAT ने 4 जनवरी के अपने आदेश में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) की ओर से Google पर लगाए गए 1337 करोड़ रुपये के जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था और जुर्माना राशि का 10 फीसदी जमा करने के लिए कहा था.
सीसीआई (Competition Commission of India) ने इस मामले में पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को Google पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके अलावा, सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया था. आयोग ने पाया था कि Google ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति का गलत फायदा उठाया है.
इसके बाद Google ने NCLAT के समक्ष सीसीआई के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी और साथ ही आदेश पर रोक लगाने की अंतरिम रहत की गुहार लगाई थी हालांकि, 4 जनवरी को NCLAT ने अंतरिम रहत की आवेदन को ख़ारिज कर दिया था और कहा था कि याचिका में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने Google को जुर्माना राशि का 10 फीसदी जमा करने का भी आदेश दिया और मामले को 3 अप्रैल को सुनवाई की लिए रखा था.
NCLAT के इस आदेश के खिलाफ Google ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसको आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से मना कर दिया और उपरोक्त आदेश पारित किया है.