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'सभी ATM में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड रखना व्यवहारिक फैसला नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने पलटा HC का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें एटीएम में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात करने का आदेश दिया गया था, ताकि एक व्यक्ति ही एटीएम में प्रवेश कर सके.

सुप्रीम कोर्ट और एटीएम गार्ड

Written by Satyam Kumar |Published : February 11, 2025 7:58 PM IST

आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट ने एटीएम पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड रखने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असम में करीब 4,000 एटीएम है, सबके लिए एक सिक्योरिटी गार्ड रखने की अनिवार्यता अव्यवहारिक होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी गार्ड की जगह सीसीटीवी कैमरा लगाने के सुझाव दिए. वहीं, गुवाहाटी हाई कोर्ट का निर्देश 2012 के एटीएम धोखाधड़ी मामले में सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करते हुए एक सिक्योरिटी गार्ड रखने के निर्देश दिए थे, जिससे कि एक बार में एक ही व्यक्ति एटीएम में प्रवेश कर सके.

ATM में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड रखना व्यवहारिक नहीं

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कुछ बैंकों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों पर विचार किया कि सभी एटीएम पर चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात करना व्यावहारिक नहीं है. पीठ ने याचिका स्वीकार कर, हाई कोर्ट द्वारा जारी उस निर्देश को निरस्त कर दिया जिसमें कहा गया कि सभी एटीएम पर चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड रखे जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक समय में केवल एक ही ग्राहक एटीएम परिसर में प्रवेश कर सके.

अदालत ने कहा,

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‘‘असम में, हमारे पास लगभग 4,000 एटीएम हैं. हम सभी एटीएम पर सुरक्षा गार्ड नहीं रख सकते. दुनिया भर में मान्यता प्राप्त प्रणाली के रूप में सीसीटीवी रखना है.’’

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2016 में उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी. उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक समेत याचिकाकर्ता बैंकों को एटीएम के सुचारू कामकाज के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में दिसंबर 2013 में उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए अन्य निर्देशों को स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है.

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने दिए थे निर्देश

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कथित एटीएम धोखाधड़ी पर दिसंबर 2012 में प्रकाशित एक समाचार पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें एक व्यक्ति के साथ 35,000 रुपये की धोखाधड़ी होने की बात कही गई थी. अदालत ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एटीएम ग्राहकों को प्रदान किए जा सकने वाले सुरक्षा उपायों पर निर्णय लेने के लिए केंद्र और असम के पुलिस महानिदेशक के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक तथा संबंधित बैंक को नोटिस जारी किया था. उच्च न्यायालय के आदेश में मई 2013 में दायर पुलिस महानिदेशक के हलफनामे पर ध्यान दिया गया, जिसमें राज्य के सभी बैंकों के एटीएम को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक कार्ययोजना का सुझाव दिया गया था. उच्च न्यायालय ने सुझाई गई योजना को स्वीकार कर लिया था और अधिकारियों को इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

(खबर पीटीआई भाषा इनपुट से है)