नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी (V Senthil Balaji) और उनकी पत्नी मेगाला की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और मंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अपनी दलीलें पूरी कीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश (Justice MM Sundresh) की पीठ ने यह कहा- 'तर्क सुने जा चुके हैं और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।'
अपनी दलीलें पेश करते हुए, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने कहा कि उसके पास सबूत इकट्ठा करने और पुष्टि सुनिश्चित करने के लिए आरोपी मंत्री को गिरफ्तार करने और हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यक शक्ति है।
दूसरी ओर, वकील अमित आनंद तिवारी द्वारा असिस्ट किये गए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ईडी के पास धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी आरोपी से हिरासत में पूछताछ करने का कोई निहित अधिकार नहीं है।
बालाजी, जो 14 जून को अपनी गिरफ्तारी के बाद भी तमिलनाडु सरकार में बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बने हुए हैं, और उनकी पत्नी ने कथित नकदी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश की आलोचना की। -राज्य के परिवहन विभाग में नौकरियों के लिए घोटाला।