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साकेत गोखले की जमानत याचिका पर Gujarat सरकार को Supreme Court का नोटिस

गुजरात सरकार के एक उप सचिव ने गोखले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पत्नी ने टीएमसी नेता द्वारा शुरू की गई क्राउडफंडिंग में योगदान के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया था.

Written by Nizam Kantaliya |Published : March 13, 2023 7:14 AM IST

नई दिल्ली: मोरबी हादसे के बाद पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी से चर्चा में आए सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है.

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने नोटिस जारी करने के साथ ही सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए है. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने साकेत गोखले की अपील पर सुनवाई के बाद दिया है, जिसके जरिए गोखले ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.

गुजरात हाईकोर्ट ने ऑनलाइन माध्यम से एकत्रित किए गए धन में हेराफेरी के मामले में गोखले की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि गोखले के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है. हाईकोर्ट ने कहा था कि गवाहों के बयानों के अनुसार, उसने न केवल शिकायतकर्ता की पत्नी से बल्कि 1,767 व्यक्तियों से भी ऑनलाइन पैसे प्राप्त किए.

धन की हेराफेरी

गौरतलब है कि 28 दिसंबर, 2022 को गुजरात सरकार के एक उप सचिव ने गोखले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पत्नी ने टीएमसी नेता द्वारा शुरू की गई क्राउडफंडिंग में योगदान के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया था.

शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि गोखले ने आनलाईन माध्यम से एकत्रित की राशि में हेराफेरी की है.गोखले पर आरोप लगाया गया कि गोखले ने अपने निजी खर्चों के लिए धन की हेराफेरी की हैं, जबकि इन पैसों का इस्तेमाल गरीब लोगों के कल्याण के लिए किया जाना था.

शिकायत के आधार पर गोखले को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 30 दिसंबर को क्राउडफंडिंग के माध्यम से एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

इस मामले में अहमदाबाद की सत्र अदालत ने गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी गोखले की जमानत याचिका को खारिज कर ​दिया.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में गोखले की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हे राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया गया है और जानबूझकर निशाना बनाया गया है.

मोरबी हादसे के बाद आए चर्चा में

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ममता बनर्जी के करीबी साकेत गोखले को गुजरात पुलिस द्वारा एक ही दिन में दो बार गिरफ्तार किया गया था.

गोखले पर मोरबी हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी के बारे में गलत खबर फैलाने का भी आरोप लगा था. अक्तूबर 2022 में मोरबी शहर में ब्रिज के टूटने के कारण कुल 135 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 55 बच्चे भी शामिल थे.

गोखले को पहली बार पिछले साल 6 दिसंबर को सूचना के अधिकार (आरटीआई) प्रतिक्रिया की एक समाचार क्लिपिंग के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसे उन्होंने ट्विटर पर साझा किया था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा से पहले ₹30 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.

हालांकि, उन्हें इस मामले में 8 दिसंबर को जमानत मिल गई थी. जैसे ही वह रिहा हुआ, उसे धन की हेराफेरी के मामले में अहमदाबाद पुलिस के साइबर सेल द्वारा तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.