नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने Delhi में Elderman (मनोनीत पार्षद )की उपराज्यपाल द्वारा नियुक्ति किए जाने को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. Chief Justice of India DY Chandrachud की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य पीठ ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश जारी किए है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से Advocate अभिषेक मनु सिंघवीने ने उपराज्यपाल द्वारा Elderman की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अबतक दिल्ली सरकार ही एल्डरमैन की नियुक्ति करती रही है.
CJI द्वारा यह पूछे जाने पर कि एल्डरमैन की नियुक्ति तो Administration ही करता है, दिल्ली सरकार ने जवाब पेश किया कि एडमिनिस्ट्रेटर के अधिकार भी दायरे में होते हैं. दरअसल दिल्ली सरकार की तरफ से एल्डरमैन की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए Supreme Court में अर्जी दाखिल की गई है.
डीएमसी एक्ट का सेक्शन 3 ये कहता है कि एल्डरमैन की नियुक्ति एडमिनिसट्रेटर यानि LG करेगा. साल 1993 से पहले एल्डरमैन हुआ करते थे. साल 1993 में जब दिल्ली सरकार को विधान सभा की शक्ति मिलती है. इसी साल डीएमसी एक्ट में संशोधन हुआ और फिर इन्हे नॉंमिनेटेड मेंबर कहा गया और इनकी संख्या 10 निर्धारित की गई.
संविधान में कहा गया है कि विधानसभा कानून बनाएगी और उसी कानून के हिसाब से वो नॉमिनेट होंगे. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि विधानसभा की मार्फत एल्डरमैन चुने जाएंगे या फिर सीधा एलजी करेंगे.