नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर स्थगनादेश जारी कर दिया जिसमें उसने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 पर अंग्रेजी अथवा हिंदी भाषा में सुझाव आमंत्रित करने संबंधी केन्द्र के शासकीय आदेश पर रोक लगाई थी.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उस प्रतिवेदन पर गौर किया कि लोकसभा सचिवालय विधेयक का तमिल भाषा में संस्करण सोमवार तक प्रकाशित करने की दिशा में काम करेगा. पीठ ने कहा, ‘‘ उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक रहेगी नोटिस जारी करें.’’
न्यायालय की कार्यवाही शुरू होते ही मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय को विधायी प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए था. उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता जी टी तिरुमुरुगन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए 24 मई को शासकीय आदेश तथा आगे की सभी कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘ अगर संशोधन विधेयक अथवा शासकीय आदेश को अंग्रेजी तथा हिंदी भाषा के अलावा क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं कराया गया तो जनता से सुझाव मांगें जाने का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकेगा. याचिकाकर्ता ने केंद्र को तमिल भाषा में विधेयक की एक प्रति वेबसाइट पर अपलोड करने और तमिल सहित स्थानीय भाषाओं में सुझाव प्राप्त करने का निर्देश देने की अपील की थी."