नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा केस के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत देते हुए सशर्त जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट रेगुलर जमानत याचिका पर 14 मार्च 2023 को फिर से सुनवाई करेगा.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए महत्वपूर्ण शर्त लगाई कि वे जमानत पर अपनी रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रह सकते.
पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वे आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा करने का आदेश देते है, लेकिन मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ देना चाहिए.
पीठ ने आगे कहा कि मिश्रा उत्तरप्रदेश या दिल्ली में नहीं रह सकते, उन्हे अपने नए पते के बारे में अदालत को सचिना करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ जमानत देते हुए स्पष्ट किया है कि आशीष मिश्रा या मिश्रा के परिवार के किसी सदस्य द्वारा गवाह को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से जमानत को रद्द किया जाएगा. अगर यह पाया जाता है कि मिश्रा मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह जमानत रद्द करने का एक मजबूत आधार होगा.
पीठ ने जमानत के साथ एक शर्त यह भी लगाई है कि मिश्रा जिस क्षेत्र में रहेंगे वहां के स्थानीय पुलिस थाने में अपनी निरंतर हाजिरी लगाऐंगे.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आशीष मिश्रा की कार ने किसानों को रौंद दिया था. इस घटना में आठ किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसयूवी सवार लोगों पर हमला कर दिया था, जिसमें कार का ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए थे.
मामले में दबाव बढने के लिए आशीष मिश्रा को पुलिस की ओर से गिरफतार किया गया था. जिसके बाद जमानत के लिए आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2022 को आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उसे सशर्त रिहा करने का आदेश दिया था.
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पीड़ित पक्षों के साथ कई अन्य लोगो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 18 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से मिश्रा को दी गई जमानत को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त सुनवाई का मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2022 को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था.
इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौति देते हुए याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद 19 जनवरी 2023 को फैसला सुरक्षित रखा था. आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला सुनाते हुए आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.