नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ऑनलाइन सुनवाई के लिए स्थापित अवसंरचना (infrastructure) को खत्म करने पर नाराजगी जताई है. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालयों के कुछ मुख्य न्यायाधीशों द्वारा ऑनलाइन सुनवाई के लिए की गई तकनीकी व्यवस्था को खत्म करने से ‘बहुत क्षुब्ध’ है.
प्रधान न्यायाधीश (chief justice of india) डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि सार्वजनिक धन का इस तरह से दुरुपयोग नहीं किया जा सकता. प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी ऑनलाइन सुनवाई को मौलिक अधिकार घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए की.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह स्थायी रूप से है और अवसंरचना को इस तरह से खत्म नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हम आदेश पारित करेंगे. हम सुनिश्चित करेंगे कि प्रौद्योगिकी की वजह से कोई पीछे नहीं छूटे.’’
शीर्ष न्यायालय ने रेखांकित किया कि ई-अदालत परियोजना के तीसरे चरण के लिए केंद्र सरकार ने सात हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. याचिका में कहा गया है कि प्रौद्योगिकी केवल महामारी काल तक के लिए सीमित नहीं है.