नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी और उनकी पत्नी मेगाला की याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार न्यायमू्र्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने इस मुद्दे को एक वृहद पीठ के पास भेज दिया कि रिमांड के शुरुआती 15 दिनों के बाद पुलिस हिरासत की अनुमति नहीं है।
बालाजी तमिलनाडु सरकार में अब भी मंत्री हैं। हालांकि, उनके पास कोई विभाग नहीं है।
उन्हें ‘नौकरी के बदले नकदी’ संबंधी कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। बालाजी और उनकी पत्नी ने मंत्री की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
यहां बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.मद्रास उच्च न्यायालय ने पहले बालाजी को रिहा करने के खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके बाद उनकी पत्नी एस मेगाला और उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया ।
गौरतलब है कि पीठ ने बालाजी को पांच दिनों के लिए, 12 अगस्त तक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भी दे दिया।