ईवीएम (EVM) के वेरिफिकेशन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि जिन जगहों पर हाल ही में चुनाव हुए हैं, उनके ईवीएम का डेटा न मिटाए जाए ,न ही उसमें नया डेटा लोड करे. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इलेक्शन कमीशन को EVM की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने के लिए निर्देश दे. कोर्ट ने इस मांग पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. अब सुप्रीम कोर्ट मार्च के तीसरे हफ्ते में आगे की सुनवाई करेगा.
याचिका में पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले का हवाला दिया गया है. इस फैसले में SC ने बेहतर पारदर्शिता के लिए चुनाव परिणाम घोषित होने के 1 सप्ताह के भीतर ईवीएम के बर्न्ट मेमोरी की जांच की अनुमति दी थी. ADR का कहना है कि आयोग ने अब तक बर्न्ट मेमोरी की जांच को लेकर कोई प्रोटोकॉल नहीं बनाया है. अर्जी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बर्न्ट मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट के सत्यापन के लिए निर्देश मांगे गए ADR का कहना है कि वर्तमान में निर्धारित जांच प्रक्रिया में जलाए गए मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर के मूल डेटा को हटाना शामिल है, जिससे सही जांच और सत्यापन असंभव हो जाता है.
सुनवाई के दौरान, CJI खन्ना ने चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को कहा है कि अप्रैल 2024 के फैसले का उद्देश्य ईवीएम में मतदान डेटा को मिटाना या फिर से लोड करना नहीं था. पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि मतदान के बाद ईवीएम मशीनों का निर्माण करने वाली कंपनी के इंजीनियर द्वारा सत्यापन और निरीक्षण किया जाए.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि EVMs की बर्न्ट मेमोरी या माइक्रोकंट्रोलर और सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) की जांच और सत्यापन के लिए पर्याप्त दिशा-निर्देश नहीं हैं. ADR ने यह भी बताया कि वर्तमान में निर्धारित जांच और सत्यापन प्रक्रिया में मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर के मूल डेटा को हटाना शामिल है, जिससे सही जांच और सत्यापन असंभव हो जाता है.
इसके अनुसार, ECI केवल EVM यूनिट्स की की जांच के लिए एक मॉक पोल का आयोजन करेगा, जबकि बर्न्ट मेमोरी या चिप की जांच नहीं की जाएगी. ADR के अनुसार, BEL/ECIL के इंजीनियरों की भूमिका केवल मॉक पोल कराने और मॉक पोल में उत्पन्न VVPAT पर्चियों की गिनती में मदद करना है. ADR ने दावा किया कि बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं होना एक महत्वपूर्ण निर्णय की भावना को कमजोर करता है.
ECI की इस अवहेलना से यह स्पष्ट होता है कि वह बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की किसी भी जांच के लिए अनिच्छुक है. ADR ने ECI से बर्न मेमोरी और VVPAT की सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) की जांच और सत्यापन करने को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है. इसके अलावा, ECI को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह जांच और सत्यापन की लंबित आवेदनों के मामले में बर्न्ट मेमोरी की सामग्री को न हटाए.
अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 3 मार्च, 2025 को करेगा.
(खबर एजेंसी इनपुट से है)