Adani-Hindenburg Case:'SEBI ही जांच करेगी. केस SIT को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा.' अदाणी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ये फैसला सुनाया. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने SEBI को बाकी जांच 3 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही अदालत ने मामले की जांच नए सिरे से SIT से कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर शेयरों के प्राइज में हेरफेर का आरोप लगाते हुए नए सिरे से जांच की मांग की थी.
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर 2023 को याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर सेबी की जांच में संदेह नहीं किया जा सकता. सेबी की जांच उचित है. सेबी जांच के लिए एकदम सक्षम एजेंसी है. सेबी एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर काम करें."
कोर्ट ने SEBI और सरकार को आदेश दिया कि वो पता लगाएं कि शार्ट सेलिंग के आरोपों की हकीकत क्या है. क़ानून के मुताबिक उस पर एक्शन लें. बिना पुख्ता आधार के जांच SEBI से SIT को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. इन टिप्पणियों के साथ चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों पर उठे सवालों को खारिज किया. इसके साथ ही अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने SEBI के FPI नियमों को ये कहकर रद्द करने से इनकार कर दिया कि अदालतें नियामक शासन के क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती हैं.
गौलतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने साल 2023 में जनवरी के ही महीने में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कंपनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे.