Kolkata Doctor Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल फ्रेटरनिटी से अनुरोध किया है कि बिना किसी भय और डर अस्पतालों में अपनी ड्यूटी पर लौटें, साथ ही अगर किसी तरह परेशानी हो तो हमारे रजिस्ट्री को ईमेल कर सूचित कर सकते हैं. हम आपको सुरक्षा का आश्वासन देते हैं. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने आश्वासन दिया कि वे डॉक्टरों की सभी शिकायतों को सुनेंगे. कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर की घटना पर सुनवाई के दौरान चर्चा उठी की अस्पताल में 7000 रेजिडेंट डॉक्टर थे, वे सब के सब के जा चुके हैं, तकरीबन 100 लोग ही हॉस्टल में हैं. जिुस पर सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे अपनी ड्यूटी पर लौट सकते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम लेते हैं.
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर की घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर भीड़ द्वारा हमला करने पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. अश्पताल में तोड़-फोड़ की घटना के बाद से रेजिडेंट डॉक्टर ने अस्पताल को खाली कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों को वापस से लौटने का अनुरोध किया है.
सीजेआई डीवाई चंदचूड़ ने कहा कि हम गुरुवार की सुबह इस पर विचार करेंगे. कृपया हमारे पास वापस आएं, हम सभी डॉक्टरों को आश्वस्त करते हैं कि उनकी जो भी चिंता है, कृपया उसे हमारे सामने रखें. हम उनकी शिकायतों को दूर करेंगे.
सीजेआई ने आगे कहा कि 15 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना हुई. कहा जाता है कि भीड़ ने पुरुष और महिला डॉक्टरों पर व्यवस्थित तरीके से हमला किया। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के संगठन (प्रोटेक्ट द वारियर्स) की ओर से पेश सुश्री अपराजिता सिंह ने अस्पताल के एक वरिष्ठ रेजिडेंट द्वारा 19 अगस्त, 2024 को भेजे गए ईमेल को रिकॉर्ड में रखा है, जिसमें घटना का विवरण दिया गया है.
सीजेआई ने ये भी कहा कि हमेंबताया गया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लगभग 700 रेजिडेंट डॉक्टर थे. घटना के बाद,अधिकांश रेजिडेंट डॉक्टर अपनी ड्यूटी की जगह छोड़ चुके हैं और अब 30-40 महिला और 60 पुरुष डॉक्टर अपने हॉस्टल में रह गए हैं.
सीजेआई: डॉक्टरों के लिए अपनी ड्यूटी पर लौटने के लिए सुरक्षित परिस्थितियों को बनाए रखना आवश्यक है, न केवल अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए बल्कि अपने मरीजों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भी. इस प्रकार हमें एसजी मेहता द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुविधा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सीआईएसएफ की तैनाती की जाएगी.
राज्य की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल कहते हैं कि हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इसका उद्देश्य जगह की सुरक्षा करना है, लेकिन तब किसी भी घटना के लिए वे (CISF) जिम्मेदार होंगे. दो तरह के फोर्स नहीं हो सकते है.
सीजेआई ने डॉक्टरों से मुखातिब होकर कहा कि उनकी (डॉक्टरों की) सुरक्षा के बारे में कोई भी चिंता इस न्यायालय के रजिस्ट्रार को ईमेल द्वारा रखी जा सकती है.