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पीड़ितों के बयान के आधार पर शुरू हुई Police जांच रहेगी जारी, मलयालम सिनेमा में यौन शोषण मामले में SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम सिनेमा में यौन शोषण के संबंध में न्यायमूर्ति हेमा समिति की गवाही के आधार पर FIR दर्ज करने के केरल हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. केरल हाई कोर्ट ही हेमा समिति के समक्ष गवाही देने वालों की किसी भी शिकायत और उस पर जांच को मॉनीटर कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने SIT पर यौन उत्पीड़न की जांच के आरोप लगानेवाले व्यक्ति को केरल हाई कोर्ट के समक्ष अपनी परेशानी बताने को कहा है.

Written by Satyam Kumar |Published : February 7, 2025 11:27 AM IST

आज शुक्रवार (7 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने मलयालय फिल्म इंडस्ट्री में यौन शौषण के आरोपों से केरल हाई कोर्ट के निर्देशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 176 के तहत पुलिस को जब किसी संज्ञेय अपराध की जानकारी मिलती है, उसकी जांच करना उसकी जिम्मेदारी है. मलयालम फिल्म प्रोड्यूसर साजिमोन परायिल और दो एक्टर्स ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) दायर कर मलयालम सिनेमा क्षेत्र में महिलाओं के यौन शोषण के मामलों में गवाहों/पीड़ितों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर दर्ज की एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.

जांच करना Police का कर्तव्य

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि जब भी किसी संज्ञेय अपराध की सूचना दी जाती है, तो पुलिस अधिकारी को कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए बाध्य है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस की जांच करने की शक्तियों पर रोक लगाने को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है.

उक्त टिप्पणियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्माता साजिमोन परायिल और दो अभिनेताओं द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में केरल हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देश को चुनौती दी थी.

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SIT के खिलाफ भी देखे HC

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केरल हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच हिमा कमेटी मामले की जांच की निगरानी कर रही है और यदि किसी ने हेमा समिति के समक्ष बयान दिया है और उन्हें एसआईटी द्वारा परेशान किया जा रहा है, तो वे हाई कोर्ट में अपनी शिकायतें उठाने के लिए स्वतंत्र हैं.

हाई कोर्ट यह भी देखेगा कि क्या एफआईआर उन सामग्रियों के आधार पर दर्ज की गई हैं जो एसआईटी द्वारा एकत्र की गई हैं या बिना किसी सामग्री के. साथ ही, हाई कोर्ट उन व्यक्तियों की शिकायतों पर भी गौर करेगा जिन्होंने हेमा समिति के समक्ष बयान दिया और उन्हें एसआईटी के सामने पेश होने के लिए मजबूर किया गया.

क्या है मामला?

बता दें कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामले को सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज हेमा कोहली की अगुवाई वाली कमेटी ने जांच की थी. इस जांच कमेटी की रिपोर्ट में मलयालय फिल्म इंडस्ट्री की हालात को चिंताजनक करार दिया था. अब कमेटी की रिपोर्ट आने व केरल हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद SIT पीड़ितों की गवाही के आधार पर जांच कर रही है, जिसे फिल्म निर्माताओं व दो एक्टर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.