नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा सदस्य नवनीत राणा की उस याचिका पर सुनवाई 29 अगस्त के लिए स्थगित कर दी, जिसमें राणा ने उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। निर्दलीय सांसद महाराष्ट्र के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार न्यायमूर्ति जे के महेश्वरी और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने मंगलवार को यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया कि मामले की सुनवाई में समय लगेगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने राणा के जाति प्रमाणपत्र को रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी।
आठ जून, 2021 को उच्च न्यायालय ने कहा था कि राणा ने जाति प्रमाणपत्र फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था और उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा समर्थित राणा ने 2019 में ‘मोची’ जाति का सदस्य होने का दावा करके अमरावती से जीत हासिल की।
उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने अपने फैसले में राणा को छह सप्ताह के भीतर प्रमाणपत्र रद्द कराने और दो सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र कानूनी सेवा प्राधिकरण को दो लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने माना था कि अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए राणा का ‘मोची’ जाति से होने का दावा फर्जी था और यह जानते हुए भी कि वह उस जाति से संबंधित नहीं है, इस श्रेणी के उम्मीदवार को मिलने वाले विभिन्न लाभ प्राप्त करने के इरादे से ऐसा किया गया था।