Advertisement

राज्य का पक्ष रखने वाले Advocates को छह सप्ताह के भीतर दें बकाया फीस: Supreme Court ने उत्तर प्रदेश राज्य को दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों की बकाया फीस छह सप्ताह के अंदर देने का आदेश दिया है. जानिए पूरा मामला…

Written by My Lord Team |Published : February 21, 2024 2:42 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों (Advocate representing State) का बकाया फीस दें. वकीलों को फीस के लिए इस तरह से कोर्ट में याचिका देने के लिए मजबूर (Not Forced to File a Petition) नहीं किया जाए. अगर हालात ऐसे रहे तो राज्य का प्रतिनिधित्व करने से वकील बचेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने बकाया फीस को छह सप्ताह के अंदर देने के निर्देश दिए है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुंइयां की बेंच ने इस मामले को सुना.  

बेंच ने कहा,

"हमें आशा और विश्वास है कि राज्य ऐसे परिस्थितियों से बचेगा, जहां राज्य की ओर से पेश हो रहे वकील अपने फीस के लिए कोर्ट का रूख करेंगे. अगर फिर भी ये हालात बने रहें तो राज्य का प्रतिनिधित्व करने से प्रतिभाशाली वकील बचेंगे. "

बेंच ने आगे कहा,

Also Read

More News

"इसलिए राज्य से अपेक्षित है कि वे उचित और प्रभावशाली नीति लागू करेंगे, जिससे राज्य का पक्ष रख रहे वकीलों को फीस तुरंत और तय समय पर मिलें."

राज्य ने  किया दस लाख रूपये का भुगतान 

सुप्रीम कोर्ट में Allahabad High Court के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें वकीलों की बकाया राशि को 8% ब्याज दर से चुकाने के आदेश दिया गया था. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर करने के बाद यू,पी. राज्य ने वकीलों के 10,11,000 रूपये की फीस दे दिया था. यहां, राज्य ने मार्च 2021 के बाद से बचे बकाया राशि पर ब्याज नहीं दिया. वकीलों ने इस बकाया राशि की मांग की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस राशि को 8% ब्याज के साथ चुकाने के निर्देश दिए. जिसे सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा चुनौती दी गई. 

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को किया संशोधित 

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के द्वारा मिले अधिकारों का प्रयोग कर 1,16,397 रूपये की बकाया ब्याज राशि को लगभग 50,000 रूपये कर दिया. वहीं, राज्य को छह सप्ताह के अंदर इस राशि को जमा करने के आदेश दिए है. इस अवधि तक पेमेंट नहीं हुई, तो इस राशि पर 8% की दर से ब्याज चलेगा.