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Supreme Court की स्पेशल बेंच करेगी बिलकिस बानो मामले की सुनवाई, जल्द होगा बेंच का गठन

बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार द्वारा दुष्कर्म और हत्या के 11 दोषियों को रिहा करने को चुनौती ​दी है. गुजरात सरकार की माफ़ी नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को इन दोषियों को रिहा किया गया था.

Written by Nizam Kantaliya |Published : February 7, 2023 9:53 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात बिलकिस बानो मामले की सुनवाई के लिए अलग से स्पेशल बेंच गठित करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है.

मंगलवार को इस मामले को मेंशन करने पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए शीघ्र ही एक स्पेशल बेंच का गठन करेंगे.

अधिवक्ता शोभा गुप्ता के जरिए बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार द्वारा दुष्कर्म और हत्या के 11 दोषियों को रिहा करने को चुनौती ​दी थी.बाद में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा था कि माफ़ी नीति के तहत उम्र कै़द की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया.

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क्या है मामला

गौरतलब है कि साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के पास रनधिकपुर गांव में एक भीड़ ने पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इसके साथ ही उनकी तीन साल की बेटी सालेहा की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.

इस मामले को गुजरात से महाराष्ट्र में ट्रांसफर किये जाने के बाद 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने फैसला सुनाया था. फैसले में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी.

बाद में फैसले के खिलाफ अपील में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इन दोषियों की सज़ा को बरकरार रखा था.लेकिन 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने जेल नीति का हवाला देते हुए 11 दोषियों को रिहा किया था.

सुप्रीम कोर्ट में मामला

मामले की शुरूआत दोषियों में से एक राधेश्याम शाह द्वारा सज़ा माफ़ी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने के बाद शुरू हुई थी.सुप्रीम कोर्ट ने शाह की अर्जी पर गुजरात सरकार को सज़ा माफ़ी के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात के पंचमहल के कलेक्टर सुजल मायात्रा के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई. क़ैदियों को माफ़ी देने की मांग पर विचार करने के लिए बनी कमेटी ने सर्वसम्मति से उन्हें रिहा करने का फ़ैसला किया. राज्य सरकार को सिफ़ारिश भेजी गई थी और फिर दोषियों की रिहाई के आदेश मिले.

गुजरात सरकार की माफ़ी नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को दोषी जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, विपिन चंद्र जोशी, केशरभाई वोहानिया, प्रदीप मोढ़डिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चांदना को गोधरा उप कारागर से रिहा किया गया था.