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शानन पावर प्रोजेक्ट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 8 नवंबर तक जवाब देने का दिया आदेश

शानन पावर प्रोजेक्ट मामले में पंजाब के दीवानी मुकदमे को खारिज करने के हिमाचल प्रदेश सरकार के आवेदन के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक नोटिस जारी किया और पंजाब सरकार को 8 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट

Written by My Lord Team |Updated : September 24, 2024 12:30 PM IST

शानन पावर प्रोजेक्ट मामले में पंजाब के दीवानी मुकदमे को खारिज करने के हिमाचल प्रदेश सरकार के आवेदन के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक नोटिस जारी किया और पंजाब सरकार को 8 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया.

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन ने कहा कि पंजाब द्वारा दायर मुकदमे पर अनुच्छेद 131 के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विचार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह एक संधि और एक समझौते पर आधारित है, जो ऐसे मामलों में अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. अदालत ने प्रथम दृष्टया हमारे तर्कों पर विचार करने के बाद एक नोटिस जारी किया और पंजाब सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया. रतन ने शानन पावर प्रोजेक्ट के इतिहास के बारे में भी विस्तार से बताया.

मंडी के तत्कालीन राजा ने शानन पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार को 99 साल के लिए जमीन लीज पर दी थी और मार्च 2024 में लीज खत्म हो गई थी. अब लीज खत्म हो गई है, हिमाचल प्रदेश का इस प्रोजेक्ट पर सही हक है और यह हिमाचल प्रदेश के लोगों का है. पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर इस प्रोजेक्ट पर नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश की है, लेकिन हिमाचल प्रदेश इस दावे का विरोध कर रहा है। लीज खारिज करने की याचिका समेत इस मामले की सुनवाई 8 नवंबर को होगी.

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महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने राज्य के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए कोर्ट में हिमाचल प्रदेश के सही दावों को पेश करने की जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि मंडी जिले के जोगिंदरनगर में 110 मेगावाट की शानन पनबिजली परियोजना को हिमाचल प्रदेश को सौंप दिया जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब के पक्ष में लीज की अवधि खत्म हो गई है. सीएम सुखू ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेगी कि वह पंजाब सरकार को इस साल 31 अक्टूबर से पहले परियोजना हिमाचल प्रदेश को सौंपने का निर्देश दे. उन्होंने कहा कि परियोजना का शीघ्र हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी उठाया जाएगा.