पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटना रोकने को लेकर अहम बात कहीं है. कोर्ट ने पैरेंट्स (Parents) को सलाह दिया है. स्कूलों में बच्चों के साथ होनेवाली यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की शिकायत पुलिस या स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट (Special Juvenile Police Unit) के पास अवश्य दर्ज कराएं. हाईकोर्ट Sexual Harassment Case में सुसाइड करने वाले बच्चे की मां को आरोपी बनाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने के दौरान उपरोक्त बातें कही. मामले में 10वीं कक्षा के एक छात्र ने सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न करने पर खुदकुशी कर ली थी. जानिए क्या है पूरा मामला…
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच एक मृतक छात्र की मां को उसकी मृत्यु के मामले में आरोपी बनाने की मांग पर रोक लगाने से जुड़ी मांग याचिका खारिज की है. स्कूल की प्रिसिंपल द्वारा ट्रायल कोर्ट में आवेदन दे छात्र के मां की अनदेखी को लेकर आरोपी बनाने की मांग की है. मां ने इस आवेदन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
कोर्ट ने कहा,
"POCSO अधिनियम की धारा 19(1) में 'Shall' शब्द का उपयोग विधायिका के इरादे को बिल्कुल साफ करता है कि अपराध के बारे में जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए स्थानीय पुलिस या विशेष किशोर पुलिस इकाई (SPJU) को सूचित करना अनिवार्य है.''
16 वर्षीय छात्र ने साल 2022 में आत्महत्या किया. दसवीं कक्षा का यह छात्र अपने स्कूल में पढ़ रहे साथी साथियों द्वारा यौन उत्पीड़न करने से परेशान था. छात्र ने एक सुसाइड नोट छोड़ कर खुदकुशी कर ली. सुसाइड नोट में उसने अपने साथियों और स्कूल अधिकारियो पर आरोप लगाया. आरोप था कि सहपाठी उसे ‘गे’ कहकर चिढ़ाते थे और स्कूल प्रशासन ने इस पर ध्यान दिलाने के बावजूद कुछ नहीं किया. उल्टे छात्र को डिस्लेक्सिक माना. ( डिस्लेक्सिया एक शिक्षण विकार है, जो किसी व्यक्ति की ठीक से पढ़ने और लिखने की क्षमता पर असर डालता है)
मृतक छात्र की मां ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज (FIR) दर्ज कराई. पुलिस ने सेक्शन 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और POCSO Act के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने स्कूल की प्रिसिंपल सुरजीत खन्ना और हेडमिस्ट्रेस ममता गुप्ता को आरोपी बनाया.
प्रिंसिपल ने FIR खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने इस मांग को खारिज किया. वहीं, प्रिसिंपल ने ट्रायल कोर्ट में मां के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. 18 जुलाई 2020 को मृतक छात्र से जबाव मांगा.
मां ने हाईकोर्ट में इस फैसले को खारिज करने की मांग की. कोर्ट ने पाया कि POCSO केस के अंदर छात्र की मां को पुलिस एंड एसपीजे यूनिट के पास शिकायत करनी चाहिए थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दी. साथ ही छात्र की मां को आरोपी बनाने के सवाल को ट्रायल कोर्ट के विवेकाधीन किया है.