सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने संभल हिंसा मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि सांसद के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसमें सभी धाराएं सात साल से कम वाली हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी जा सकती है. हाईकोर्ट ने जियाउर्रहमान बर्क के मामले में एफआईआर को रद्द करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि मामले में विवेचना जारी रहेगी. बता दें कि सभल हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को भी आरोपी बनाया है, जिसे सांसद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
सांसद ने अपने खिलाफ हुए एफआईआर को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि गिरफ्तारी से उनकी छवि को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी. बर्क ने अपनी याचिका में इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि ये आरोप उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाने के प्रयास का हिस्सा हैं. बर्क के अनुसार, संभल में हुई हिंसा के दौरान वह बेंगलुरु में थे और जब उन्हें एफआईआर के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने मामले को और बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली में रहने का निर्णय लिया। सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों से संपर्क किया और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की।
यूपी पुलिस ने बर्क को मुख्य आरोपी बनाया है. संभल पुलिस का आरोप है कि बर्क ने हिंसा से कुछ दिन पहले मस्जिद में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद स्थिति बिगड़ी. इस हिंसा में पत्थरबाजी और आगजनी के कारण स्थिति और बिगड़ गई, जिसमें कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे. हिंसा को लेकर पुलिस ने एफआईआर में स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम शामिल किया है.