नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए जो विज्ञप्तियां जारी की जा रही है उसमें प्रस्तावित वेतनमान को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार के पोर्टल पर विज्ञापित नौकरियो में जो वेतनमान प्रस्तावित किया गया है वह कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन प्रस्तावित हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है. अगली सुनवाई के लिए मामले को 23 मई को को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए है.
मोहम्मद इमरान अहमद की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के ऑनलाइन जॉब पोर्टल पर विभिन्न नौकरियों के अवसरों के विज्ञापनों जारी किए गए है इन विज्ञापनों में विज्ञापित सरकारी नौकरियों के लिए जो वेतमान निर्धारित किया गया है वह कथित तौर पर कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से भी कम वेतनमान देने की बात करते है.
याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा 14 अक्टूबर, 2022 को जारी किए आदेश के अनुसार श्रम के लिए प्रतिमाह की न्यूनतम मजदूरी तय कि गई थी. सरकार के इस आदेश के अनुसार जो वेतन दिया जाना चाहिए, उससे भी कम वेतन विज्ञापन में प्रस्तावित किए गए है.
याचिकाकर्ता ने याचिका में दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में मजदूरों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा, श्रम कानूनों को लागू करने और बंधुआ मजदूरी को समाप्त करने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने इस मामले में याचिका दायर करने से पूर्व किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए अदालत को बताया कि कि उसने कर्मचारियों को वैध वेतन के भुगतान करने के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कि गई.
याचिका में तर्क दिया गया है कि न्यूनतम वेतन का भुगतान न करने के कारण, सरकारी पोर्टल के माध्यम से नौकरी पाने वालों को असमानता के अधीन किया गया है, जिससे भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत गारंटीकृत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
याचिका में सरकार के इस कदम को अवैध, मनमाना और असंवैधानिक बताते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी की जाने वाली विज्ञापित नौकरियों के लिए न्यूनतम वेतन देने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.
दिल्ली सरकार के अनुसार मजदूरों का न्यूनतम वेतन अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 16506 रुपये है. मई 2021 में दिल्ली की सरकार ने न्यूनतम मजदूरी और वेतन में बढोतरी की थी.