नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को तमिलनाडु में मार्च निकालने की अनुमति देने संबंधित मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तीन मार्च को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि 5 मार्च से "मार्च" शुरू होने वाला है.
मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘‘ मैं इस पर शुक्रवार को सुनवाई करने का अनुरोध कर रहा हूं.’’ पीठ ने कहा, ‘‘ हम शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेंगे.’’
तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. मद्रास हाईकोर्ट ने फ़रवरी 17 को तमिलनाडु राज्य की पुलिस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राज्य भर के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक सड़कों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति देने का आदेश दिया था.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में सुरक्षा कारणों के चलते रूट मार्च की अनुमति देने से इंकार कर दिया था.
आपको बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को आरएसएस को पुनर्निर्धारित तिथियों पर तमिलनाडु में अपना रूट मार्च निकालने की अनुमति दी थी और कहा था कि स्वस्थ लोकतंत्र में विरोध आवश्यक हैं.
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तमिलनाडु पुलिस ने आरएसएस के मार्च को नहीं निकलने दिया था.आरएसएस ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरएसएस को राज्य के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक सड़कों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति दे दी थी.