हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने अदालत परिसर में इंटर्न के प्रवेश को नियंत्रित करने को नोटिफिकेशन जारी किया है. एससीबीए के सेक्रेटरी विक्रांत यादव ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि ऑनलाइन तरीके से पास जारी होने के चलते सुप्रीम कोर्ट में इंटर्न की भरमार लगी रहती है. इंटर्न की बड़ी तदाद से कैंटीन और लाइब्रेरी में भारी भीड़ होती है जिससे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों को बैठने की जगह तक नहीं मिलती है.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने नोटिफिकेशन जारी कर इंटर्न की एंट्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी करने की मांग की है.
नोटिस में लिखा गया,
"चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सुविधा बढ़ा दी है, इसलिए इंटर्न के लिए शारीरिक उपस्थिति प्रतिबंधित हो सकती है. इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. इसलिए, आपसे अनुरोध है कि संबंधित विभाग को निर्देश दें कि वे उच्च सुरक्षा क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट परिसर में इंटर्न के प्रवेश को प्रतिबंधित करें."
वहीं सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखकर यही मांग की है. SCAORA ने सुप्रीम कोर्ट में इंटर्न के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि वे शैक्षणिक नजरिए से एंट्री पाकर कैंटीन और लाइब्रेरी में बैठे रहते हैं.
SCAORA ने उपरोक्त मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट सेक्रेटरी जनरल को कुछ उपाय सुझाए हैं, जो कि इस प्रकार है;
(i) एक एडवोकेट ऑन रिकार्ड द्वारा एक दिन में सर्वोच्च न्यायालय परिसर में केवल एक प्रशिक्षु को प्रवेश की अनुमति दी जाए.
(ii) प्रशिक्षुओं के प्रवेश को केवल बुधवार या गुरुवार को लंच के बाद पूरी तरह से रोक लगाया जाए.
(iii) प्रतिबंधों के बावजूद पुस्तकालयों, कैफेटेरिया और बार रूम में प्रशिक्षुओं के प्रवेश से बचने के लिए, एक स्थान/कमरा निर्धारित किया जाना चाहिए, जहाँ प्रशिक्षु अपना सामान रख सकें, न्यायालय के समय में शोध या अन्य कार्य करते समय बैठ सकें या अपना दोपहर का भोजन कर सकें.
हालांकि, इन नोटिफिकेशन पर आगे क्या कार्रवाई की होती है, ये देखना दिलचस्प रहेगा.