Reservation For Woman in SC Bar Association: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की है. सुप्रीम कोर्ट का बार एसोसिएशन में एक-तिहाई आरक्षण करने का फैसला महिला वकीलों के लिए बड़ी सौगात लेकर आई है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों को आरक्षित किया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बार एसोसिएशन के चुनाव से ठीक पहले आया है. बता दें कि इस महीने 16 मई से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव होना है.
महिला वकीलों के लिए ये बड़ी सौगात जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की डिवीजन बेंच के फैसले से आई है. बेंच ने बीडी कौशिक के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए उक्त निर्देश दिए.
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला महिलाओं की भागीदारी को और मजबूत करेगा. उनके प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित बनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, SCBA के मानदंड, पात्रता शर्ते आदि में समय के साथ बदलाव की आवश्यकता है. ये नियम वर्षो तक एक-समान नहीं रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में SCBA के सदस्यों से अपनी राय भी देने को कहा है. सुझाव देने के लिए 19 जुलाई, 2024 तक का समय दिया गया है जिसे डिजिटल या प्रिंट रूप, दोनों रूप में दिया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरी यानी कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एसोसिएशन की कार्यसमिति के 9 में से 3 सदस्यों के पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. इसके अलावा एसोसिएशन की कार्यसमिति के 9 में से 3 सदस्यों के पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि महिला आरक्षित सीटों के अलावे भी अन्य सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इस चुनाव के नतीजे 18 मई को आएंगे. चुनाव समिति में वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता, राणा मुखर्जी और मीनाक्षी अरोड़ा शामिल होंगे.