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Rajya Sabha ने राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक सहित चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक को दी मंजूरी

मांडविया ने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग और डेंटल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में ये विधेयक बहुत ही कारगर साबित होंगे और आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र की मांग को पूरा करेंगे।

National Dental Commission Bill

Written by My Lord Team |Updated : August 9, 2023 11:38 AM IST

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक 2023 और ‘राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, 2023’ को राज्यसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक का उद्देश्य जहां देश में दंत चिकित्सा व्यवसाय को विनियमित करना तथा गुणवत्तापूर्ण और किफायती दंत चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराना है वहीं राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक में परिचर्या और प्रसूति विद्या पेशेवरों (नर्सिंग एवं मिडवाइफ) संबंधी शिक्षा एवं सेवा मानकों के विनियमन, संस्थाओं के मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय रजिस्टर के रख-रखाव का उपबंध किया गया है।

उच्च सदन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को दोनों विधेयक पेश किए। बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा और ममता मोहंता, भाजपा के सिकंदर कुमार और भुवनेश्वर कालिता, वाईएसआर कांग्रेस के एस निरंजन रेड्डी और वी विजय साई रेड्डी, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के थंबी दुरई, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन, तेलुगु देशम पार्टी के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया और विधेयकों का समर्थन किया। इस दौरान विपक्ष सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। इससे पहले उन्होंने मणिपुर के मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया।

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, चर्चा का जवाब देते हुए मांडविया ने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग और डेंटल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में ये विधेयक बहुत ही कारगर साबित होंगे और आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र की मांग को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश में पारदर्शिता के साथ अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा दी जा रही है।

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उन्होंने कहा कि सदन में काफी पहले यह चर्चा की गई कि दंत चिकित्सा और नर्सिंग की शिक्षा को लेकर भी व्यवस्था में सुधार हो।

संसद की स्थायी समिति से इस संबंध में सुझाव आए। मांडविया ने कहा कि समय-समय पर नर्सिंग शिक्षा में बदलाव हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत भी महसूस की गई। मंत्री ने कहा कि ऐसे में नर्सिंग शिक्षा की रूपरेखा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने दोनों विधेयकों को ध्वनिमत मंजूरी दे दी।

लोकसभा ने 28 जुलाई का हंगामे के बीच लोकसभा में इन विधेयकों को मंजूरी दी थी। विधेयक में परिचर्या और प्रसूति विद्या पेशेवरों (नर्सिंग एवं मिडवाइफरी) संबंधी शिक्षा एवं सेवा मानकों के विनियमन, संस्थाओं के मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय रजिस्टर के रख-रखाव करने तथा पहुंच, अनुसंधान एवं विकास को बेहतर बनाने के लिए एक प्रणाली तैयार करने का उपबंध किया गया है।

इसमें अद्यतन वैज्ञानिक प्रगति एवं विकास को अपनाने का प्रस्ताव किया गया है। राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक का उद्देश्य देश में दंत चिकित्सा व्यवसाय को विनियमित करना तथा गुणवत्तापूर्ण और किफायती दंत चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराना है।