नई दिल्ली: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के पास हाल ही में एक अंतरिम याचिका आई थी जिसकी मांग थी कि वो फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' (Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai) की रिलीज पर रोक लगा दें. यह फिल्म कथित तौर पर आसाराम बापू (Asaram Bapu) के जीवन पर आधारित है. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस याचिका को रिजेक्ट कर दिया और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की बेंच ने इस पर क्या कहा
जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी (Justice Dr Pushpendra Singh Bhati) की पीठ का कहना है कि, "याचिकाकर्ता नंबर दो (आसाराम बापू) से संबंधत कुछ भी सीधे तौर पर नहीं मिला है, जो इस अदालत को याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर स्थगन आवेदन में राहत देने के लिए राजी कर सके."
इतना ही नहीं, अदालत ने यह भी कहा है कि इस स्थगन आवेदन को खारिज करने का यह मतलब नहीं है कि रिट याचिका के अंतिम निस्तारण के समय पर इसके किसी भी पक्ष को पाने कानूनी मुद्दों को उठाने से रोका जाएगा, बशर्ते मुद्दा मेरिट के आधार पर होना चाहिए.
आसाराम बापू ने जेल से फाइल की याचिका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस अंतरिम याचिका को संत श्री आसाराम श्री आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट (Sant Shri Asaram Ji Aashram Charitable Trust) के ट्रस्टी ओम प्रकाश लखानी (Om Prakash Lakhani) और खुद आसाराम बापू (Asaram Bapu) ने दायर किया. आसाराम बापू बलात्कार के एक मामले के तहत सलाखों के पीछे है.
याचिका में कहा गया है कि आसाराम बापू के जीवन पर फिल्म बनाई गई है और इस बारे में उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है. इतना ही नहीं, फिल्म में आसाराम बापू को नकारात्मक चरित्र में दिखाया गया है.
'सिर्फ एक बंदा काफी है' में एक्टर मनोज बाजपाई (Manoj Bajpayee) ने अहम भूमिका निभाई है और इसे अपूर्व सिंह कार्की ने डायरेक्ट किया है. यह फिल्म Zee5 पर स्ट्रीम की जा रही है.