नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुणे में दायर एक और मानहानि के मामले में अदालत ने भाषण की प्रति पेश करने के आदेश दिए है.
अदालत ने विनायक दामोदर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर की ओर से दायर मुकदमें में दावों की सत्यता की जांच के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण की प्रतिलिपि और 'माझी जन्मथेप' की एक प्रति मांगी है.
लंदन के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी की ओर से दिए भाषण को लेकर सत्यकी ने पुणे के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अक्षी जैन ने आपराधिक मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी के भाषण की transcript और वीर सावरकर की जीवनी की एक प्रति पेश करने को कहा है.
सत्यकी सावरकर के अधिवक्ता अनिरुद्ध गानू ने अदालत के मौखिक आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि "अदालत ने मौखिक आदेश जारी किया है और भाषण प्रतिलेख और जीवनी की एक प्रति जमा करने के लिए कहा है."
दायर किए गए मानहानि के मुकदमें में कहा गया है कि “राहुल गांधी कई वर्षों से कई मौकों पर स्वर्गीय विनायक दामोदर सावरकर को बार-बार बदनाम और गाली दे रहे हैं."
दावे में कहा गया है कि तथ्यों और परिस्थितियों के तहत, आरोपी ने यूनाइटेड किंगडम में 5 मार्च 2023 को ओवरसीज कांग्रेस की एक सभा को संबोधित करते हुए सावरकर के खिलाफ जानबूझकर झूठे, दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं.
दावे में कहा गया है कि राहुल गांधी ने उक्त आरोपों को पूरी तरह से जानते हुए भी, प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और उपनाम को बदनाम करने के विशिष्ट उद्देश्य के साथ सावरकर और स्वर्गीय सावरकर के परिवार की भावनाओं को ठेस पहुँचाया है.
मानहानि के मुकदमें में सात्यकी ने अदालत से अनुरोध किया है कि गांधी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में बुलाया जाए और कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाए. इसके साथ ही अदालत से राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अधिकतम सजा देने की मांग की गयी है.