Fugitive Businessman: PMLA के आरोपी के विदेश जाने की मांग का ED ने किया विरोध, तो मुंबई कोर्ट ने नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी का हवाला दिया. अदालत ने इन भगोड़े बिजनेसमैन का नाम लेते हुए कहा कि अगर जांच एजेंसी इन भगोड़े बिजनेसमैन के खिलाफ समय से एक्शन लेती तो वे देश से भाग निकलने में सफल नहीं हो पाते.
अदालत मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई कर रही थी. मामले में आरोपी ने जमानत की शर्तों में राहत देने की मांग की. आरोपी ने मांग किया कि अदालत उसकी जमानत शर्तों में छूट देते हुए उन्हें विदेश जाने की इजाजत दें. उसे व्यवसायिक कारणों से विदेश जाना पड़ रहा है.
मुंबई कोर्ट में, पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट जज एमजी देशपांडे ने जमानती शर्तों में राहत देने की मांग को सुना. इस दौरान ईडी की ओर से मौजूद एडवोकेट सुनील गोंसाल्वेस ने इस मांग का विरोध किया.
विदेश जाने की मांग पर जज ने देश से भाग निकले भगोड़े बिजनेसमैन का जिक्र किया. अदालत ने कहा कि अगर जांच एजेंसी इन्हें समय से गिरफ्तार कर लेती, तो वे देश से भागने में सफल नहीं हो पाते.
जज ने कहा,
""मैंने इस दलील पर गंभीरता से जांच की और यह पाया कि ये सभी लोग जांच एजेंसियों की विफलता के कारण भाग निकले, जिन्होंने उन्हें समय पर गिरफ्तार नहीं किया."
अदालत ने पाया कि अगर जांच एजेंसी नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या के खिलाफ समय से कार्रवाई करती, वे देश से भागने में सफल नहीं पाते.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी और विजय माल्या अभी यूके(United Kingdom) में है. अदालत ने इन्हें भगोड़े आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offenders) घोषित किया है. वहीं, चोकसी अभी डोमिनिका में छिपा है, ED उसे FEO घोषित करने को लेकर कार्यवाही कर रही है.
हालांकि, अदालत ने व्योमेश शाह के आवेदन को स्वीकार किया है. उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी है. लेकिन उन्हें अपनी यात्रा का विवरण ED से शेयर करना होगा.
मुंबई कोर्ट से जमानत की शर्तों में छूट की मांग करते हुए विदेश जाने देने की मांग की. ये मामला साल 2022 के एक मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. पीएमएलए कोर्ट में ED की चार्जशीट दाखिल करने के बाद कोर्ट ने व्योमेश शाह को समन किया. समन की तामील करते हुए वे अदालत के सामने पेश हुए. अदालत ने सशर्त जमानत दी, जिनमें आरोपी को विदेश जाने की अनुमति नहीं थी. अब व्योमेश शाह ने इसी शर्त में थोड़ी छूट देने की मांग की थी, जिसे मुंबई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.